आए दिन तेल कंपनी की और से लगाए जाने वाले नए- नए नियम के विरोध में देश भर के पेट्रोलियम डीलरों ने 13 अक्तूबर को पेट्रोल-डीजल के खरीद व बिक्री पर देशव्यापी हड़ताल करने का फैसला किया है. इतना ही नही पेट्रोलियम डीलरों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वो 27 अक्तूबर से अनिश्चित काल के लिए पेट्रोलियम पर्दाथों की खरीद व बिक्री बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
दरअसल पेट्रोलियम डीलरों चाहते हैं कि पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले गुड और सर्विस टैक्स (GST) को बेहतर और उसमें मार्जिन की जाएं. यही नहीं तेल कम्पनियों ने उनकी लाइसेंस फीस को तीन गुना बढ़ा दिया है.
बता दें कि फेडरेशनल ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स, दि ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन और कंसोर्टियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स के तमाम सदस्यों में से यूनाइटेड पेट्रोलियम फ्रंट देशभर के करीब 54,000 डीलर का प्रतिनिधित्व करता है.
फ्रंट की मांग है कि प्रत्येक छह महीने में पेट्रोलियम डीलरों के मार्जिन की समीक्षा कर उसे बढ़ाया जाना चाहिए. निवेश पर बेहतर प्रतिफल की शर्त होनी चाहिए, श्रमबल से जुड़े मुद्दों का समाधान होना चाहिए और परिवहन एवं एथनॉल मिलाने से जुड़े मुद्दों का भी समाधान किया जाना चाहिए. पेट्रोलियम फ्रंट का कहना है कि इस संबंध में पेट्रोलियम कंपनियों और मंत्रिमंडलीय सचिवालय को भेजे पत्र का कोई जवाब नहीं मिला.
ईंधन डीलरों का कहना है कि वो दैनिक आधार पर पेट्रोल, डीजल के दाम में बदलाव का भी विरोध करते हैं. इसका न तो ग्राहक को फायदा हुआ है और न ही इससे डीलरों को कोई लाभ पहुंचा है.
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को पेट्रोल-डीजल के दामों में 2 रूपए की गिरावट की गई है.