नईदिल्ली: दिल्ली कीआम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसके नियंत्रण क्षेत्र में आने वाले अस्पतालों के 400 वेंटिलेंटर में से 52 काम नहीं कर रहे हैं और उनकी मरम्मत के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने बताया कि अस्पतालों से जल्द से जल्द वेंटिलेंटर ठीक करने या नये खरीदने को कहा गया है।
दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर के संबंध में सवाल पूछा था. जिसके जवाब में अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम के माध्यम से दाखिल एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने 30 जनवरी को सरकारी अस्पतालों के वेंटिलेटरों की स्थिति की जानकारी मांगी थी। अदालत को बताया गया था कि एलएनजीपी अस्पताल में 24 जनवरी से भर्ती तीन साल का बच्चा गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी से जूझ रहा था और उसे वेंटिलेंटर पर रखने की सख्त जरूरत थी लेकिन उसे हाथ से चलाए जाने वाले रिसस्किटेटर पर रखा गया।
बच्चे की गंभीर स्थिति और वेंटिलेंटर पर रखे जाने की जरूरत की तरफ अदालत का ध्यान अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने खींचा था। दिल्ली सरकार की स्थिति रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चे ने 10 फरवरी को दम तोड़ दिया।
वेंटिलेंटरों की स्थिति की जानकारी मांगने के साथ ही अदालत ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मौजूद चिकित्सीय सुविधाओं के विवरण ऑनलाइन डाले जाने को लेकर सरकार के रवैये पर भी असंतुष्टि जाहिर की।
पीठ ने दिल्ली सरकार को एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें यह बताने को कहा गया कि सुविधाओं से लोगों को अवगत कराने के लिए उसने क्या कदम उठाए।
(Source-PTI)