नई दिल्ली, (राज लक्ष्मी मल्ल) : आपने दुनिया में नाजाने कैसे-कैसे, कितने ही तरह के पेड़ देखे होंगे. जो लम्बे, खूबसूरत, बिना फल वाले, एक दम शीतल छांव वाले, लेकिन क्या ऐसा भी पेड़ देखा या सुना हैं. जो मौत का सौदागर कहलाता हैं. पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब के चरोटी कलां गांव में एक ऐसा ही बरगद का पेड़ है जिसकी जड़ें जिस भी खेत में जाती हैं वहां किसान खेती बंद कर देते हैं. इतना ही नहीं वहा के लोगों का कहना है कि अगर कोई इस पेड़ की जड़ें काटता है और वहा खेती करने की कोशिस करता हैं तो उसकी या उसके परिवार के किसी न किसी सदस्य की मौत हो जाती है. इस वजह से कोई भी किसान इस पेड़ को काटने की हिम्मत नहीं करता. यह गाँव चंडीगढ़ से लगभग 40 किमी दूर है.
गाँव के बड़े- बुजर्गो का कहना है यह बरगद का पेड़ सैकड़ों साल पुराना है जो लगातार फैलता जा रहा है. गांव वाले बताते हैं कि पहले तो हमें इस पेड़ की कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन, जब एक किसान के खेत में फैले पेड़ के जड़ को काट दीं और कुछ ही दिनों बाद उसकी मौत हो गई. जबसे ऐसा सिलसिला बना रहा.
इसे लोंगो की श्रध्दा कहें या अंधविश्वास जो भी, गांव वाले इसे काटने की भूल नहीं करते बल्कि चुपचाप अपनी जमीन बरगद के पेड़ को समर्पित कर देते हैं. बरगद के पेड़ के निकट शिव जी का मंदिर है. गाँव के लोगों का कहना है कि सैकड़ों साल पहले इस जगह पर एक संत- महात्मा आए थे, जिन्होंने संतान प्राप्ति के लिए एक किसान को भस्म दी थी, जिसे उसकी पत्नी ने से इसे खाने से मना कर दिया. उस किसान ने यह भस्म संत को लौटाना चाही तो संत ने भस्म लेने से मना कर दिया. किसान ने वही भस्म को जमीन पर रख दिया.
मान्यता हैं कि उसी जगह पर एक बरगद का पौधा उग आया जो सदियों से विराट रूप धारण करता जा रहा है. ऐसी भी मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से मन्नत करने पर इंसान की हर मुराद पूरी होती है.
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