उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर उस समय दहशत में आ गया जब दो अलग-अलग स्थानों पर एक नहर में दो क्षत-विक्षत शव बह गए। दोनों शव दो कारों के अंदर पाए गए जिन्हें क्रेन की मदद से नहर से बाहर निकाला गया था।
सोमवार को गाद निकालने के लिए गंगा का जल प्रवाह कुछ देर के लिए रोके जाने पर शव नहर में बह गए।
मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र में पहला शव गंगा नहर में मिला। नहर का जलस्तर नीचे जाने पर नहर में एक संदिग्ध कार नजर आई। पुलिस को जब कार के बारे में सूचित किया गया, तो उसे बाहर लाया गया और तलाशी लेने पर पीछे की सीट पर एक अत्यधिक क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला।
शव की पहचान बघरा निवासी दिलशाद अंसारी के रूप में हुई है। अवशेषों की पहचान उसके पास रखे ड्राइविंग लाइसेंस से ही की जा सकती है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मृतक के परिवार को भी सूचित करते हुए जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को पता चला है कि दिसंबर में दिलशाद कहीं जाने के लिए अपने दोस्त की कार लेकर गया था। वह तब से वापस नहीं लौटा और छह महीने से अधिक समय के बाद नहर में सड़ी-गली अवस्था में पाया गया।
दूसरा शव जहां से दिलशाद का शव मिला था, वहां से करीब 55 किमी दूर मिला। दूसरी कार सिखेरा थाना क्षेत्र में स्थित एक इलाके में मिली।
कार से शव बरामद होने से इलाके में अफरातफरी मच गई।
जांच करने पर पुलिस ने मृतक के पास से कुछ कागजात बरामद किए और शव की पहचान नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के द्वारका शहर निवासी उदय अत्रे के रूप में की, जो 5 फरवरी से लापता था।
परिजनों ने कोतवाली में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
उदय चार फरवरी की शाम सात बजे किसी काम से मीरापुर जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा। चार महीने से अधिक समय के बाद अब उसका शव मिला है।