पाकिस्तान में एक नया इतिहास रचा जा रहा है. पाकिस्तान में सैयदा ताहिरा सफ्दार ने इतिहास रच दिया है. जिसके साथ ही रूढ़िवादी मुस्लिम बहुल देश में पहली बार किसी महिला के चीफ जस्टिस बनने का रास्ता साफ हो गया है. पाकिस्तान में किसी भी हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बनने वाली सैयदा ताहिरा सफ्दार पहली महिला हैं. 31 अगस्त को रिटायर हो रहे सफदर बलूचिस्तान हाईकोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस मोहम्मद नूर मेसकनजाई की जगह सैयदा ताहिरा लेंगी.
सैयदा ताहिरा सफ्दार अगले साल तक बलूचिस्तान सूबे के हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बनी रहेंगी. वे तीन जजों की स्पेशल कोर्ट की मुखिया होंगी. आपको बता दें कि सैयदा ताहिरा सफ्दार उस स्पेशल कोर्ट में भी शामिल हैं, जहां पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है.
वे 1882 में पाकिस्तान की पहली महिला सिविल जज भी बनी थीं. तब वे महज 25 साल की थीं. 5 अक्टूबर 1957 को क्वेटा में जन्मी ताहिरा पाक के जानेमाने वकील सैयद इम्तियाज हुसैन बाकरी की बेटी हैं. उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य की मास्टर डिग्री ली थी. इसके बाद क्वेटा के लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई कीं.
यह पहली बार नहीं होगा जब सैयदा ताहिरा सफ्दार इतिहास रच रही होंगी. सैयदा ताहिरा सफ्दार की अब तक की सारी पोस्टिंग ऐतिहासिक रही है. इससे पहले वह बलूचिस्तान सूबे में नियुक्त होने वाली पहली महिला सिविल जज थीं. साथ ही वह किसी भी हाई कोर्ट में जज बनने वाली भी पहली महिला थीं. गौरतलब है किभारत में किसी हाईकोर्ट को पहली महिला चीफ जस्टिस 1991 में मिली थीं. 5 अगस्त 1991 को लीला सेठ दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस बनी थीं.