केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए काले कानूनों के खिलाफ सारे देश में जारी किसान आन्दोलन के 100 दिन होने पर इस महान आन्दोलन में शामिल किसानों और समर्थकों को क्रान्तिकारी अभिवादन ।बहुत बहुत बधाई के साथ लाल सलाम ।
इस किसान आन्दोलन का अब ऐतिहासिक महत्व भी है ।इस आंदोलन से सारे देश में प्रतिरोध और संघर्ष की चेतना का संचार हुआ है ।भारत के सारे मेहनतकश एकजुट हुए हैं । इससे सत्ता के दंभ को भी जोरदार चुनौती मिली है ।भाजपा ,सरकार और पूंजीवादी ताकतों के जन विरोधी ,अमानवीय गठजोड़ का भी पर्दाफाश हुआ है ।इस किसान आन्दोलन को बदनाम और कमजोर करने की जो साजिशें भाजपा और भक्त मंडली ने की हैं उससे सरकार की छवि क्षतिग्रस्त हुई है और भारत सरकार की गरिमा पर भी आंच आई है ।यह स्थिति चिंताजनक है ।सरकार के चरित्र का इस हद तक पतन हुआ है कि किसान आन्दोलन के नेताओं और समर्थकों को देश द्रोही साबित करने की साजिशें हो रही हैं ।इसके बावजूद किसान आन्दोलन जारी है ।सारे संसार में इस महान आन्दोलन को समर्थन मिल रहा है ।किसान आन्दोलन के प्रति प्रतिबद्धता और एकजुट होने की अभिव्यक्ति एक महान मानवीय मूल्य है ।
इतनी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आंदोलन के मैदान में मोर्चा संभाल रहे साथियों को क्रान्तिकारी अभिवादन ।यह आंदोलन निश्चित ही कामयाब होगा ।यह काले कानूनों को वापस लेना ही होगा ।इस जन विरोधी सरकार को भी जाना ही होगा ।
किसान आन्दोलन के साथियों ने पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में काले कानूनों को थोपने वाली भाजपा के खिलाफ जनता को लामबंद करने का जो आव्हान किया है ,यह अत्यंत महत्वपूर्ण है ।यह किसानों और मजदूरों की वर्ग चेतना की प्रभावी और सार्थक अभिव्यक्ति है ।यह एक प्रेरक कार्रवाई है ।
अब लग रहा है कि वो सुबह अब जल्दी ही आएगी ।
किसान आन्दोलन जिन्दाबाद ।
शैलेन्द्र शैली ।