गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र में एक बार पुन: पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव व वर्तमान विधायक कुंती देवी के परिवार का आतंक कायम होने लगा है. इस विधानसभा के अर्ंतगत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बथानी के चिकित्सक डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा की राजद विधायक कुंती देवी के पुत्र रंजीत यादव के द्वारा पिटाई किये जाने के मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया है. डॉक्टर की पिटाई के मामले को लेकर महागठबंधन के दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजद जहां इस मामले में विधायक कुंती देवी के पुत्र रंजीत यादव के समर्थन में खड़ा है.
वहीं दूसरी ओर टिकारी के जदयू विधायक अभय कुशवाहा डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा के पक्ष में खड़े हैं. चिकित्सकों के संगठन आईएमए और भासा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग करते हुए बथानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डा. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा के साथ मारपीट किये जाने के मामले में दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. डाक्टरों के संगठनों ने कहा कि आये दिन राज्य में चिकित्सकों पर हो रहे हमले को देखते हुए राज्य सरकार को डाक्टरों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए.
पीड़ित चिकित्सक डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा ने विधायक पुत्र के द्वारा मारपीट किये जाने की घटना के बाद से नीमचक बथानी अनुमंडल के किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ड्यूटी करने से इंकार कर दिया है. विधायक कुंती देवी ने इस मामले में अपने पुत्र को निर्दोष बताते हुए पूर्व विधायक कृष्ण नन्दन प्रसाद यादव के द्वारा साजिश किये जाने की बात कही है. 27 जनवरी 2016 को अतरी की राजद विधायक कुंती देवी के पुत्र रंजीत यादव अपने समर्थकों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और ऑन ड्यूटी रजिस्टर की मांग की.
नाइट ड्यूटी पर रहे डॉ. सत्येन्द्र ने रजिस्टर देने से इंकार किया तो रंजीत ने अपने समर्थकों के साथ डॉक्टर पर हमला बोल दिया और दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. किसी तरह घायल चिकित्सक ने अपनी जान बचाई. रात को पुलिस की सुरक्षा में घायल चिकित्सक को गया के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में लाया गया. चिकित्सक ने बताया कि घटना के समय रंजीत नशे में धुत था. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नीमचक बथानी स्वास्थ्य केन्द्र के बगल में ही थाना है. फिर भी पुलिस बहुत देर बाद पहुंची. वह भी रंजीत को पकड़ने की बजाय खानापूर्ति करती रही.
रंजीत पहले से ही अतरी विधानसभा क्षेत्र में कुख्यात रहा है. जदयू नेता सुमरिक यादव की हत्या के मामले में भी वह आरोपित है और फरार चल रहा था. लेकिन चिकित्सक की पिटाई के मामले ने जब राजनीतिक रंग लेना शुरू किया तो राजनीतिक दबाव पर विधायक कुंती देवी ने अपने पुत्र रंजीत यादव को गया के व्यवहार न्यायलय में सरेंडर करवा दिया. इस मामले को लेकर आईएमए और भासा ने तो जिला प्रशासन और राज्य सरकार को हड़ताल का अल्टीमेटम दे दिया था. डॉ. सत्येन्द्र कुमार सिन्हा टिकारी के जदयू विधायक अभय कुशवाहा के गांव कुजापी के रहने वाले हैं.
इस नाते जदयू विधायक डाक्टर के पक्ष में खड़े होकर उन्हें न्याय दिलाने में बात कर रहे हैं. राजद विधायक कुंती देवी का आरोप है कि इस मामले को पूर्व विधायक कृष्ण नन्दन यादव राजनीतिक रंग दे रहे हैं. पूर्व विधायक कृष्णनन्दन यादव ने बताया कि 2010 में जब हम अतरी के विधायक बने तो इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बथानी कुंती देवी के घर में चलता था. इस समय चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भी कुंती देवी के परिवार के लोग दुर्व्यवहार करते थे. हमने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को अपने भवन में कराया था. रंजीत यादव के सरेंडर करने व जेल जाने के बाद से मामला शांत हो गया है. लेकिन महागठबंधन के दलों के बीच आपसी राजनीति विवाद बढ़ता जा रहा है.
राजद और इंटक ने जहां इस मामले में विधायक पुत्र रंजीत यादव को निर्दोष बताते हुए कहा है कि डॉक्टर नशे की हालत में थे और सरकारी दवा को झोला में भरकर अपने घर ले जा रहे थे. वहीं जदयू के विधायक अभय कुशवाहा ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. ज्ञात हो कि विधायक कुंती देवी के पति पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव का आतंक पिछले ढाई दशक से अतरी विधानसभा में था. लेकिन एक लड़की की हत्या के मामले में राजेन्द्र यादव आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. विधायक कुंती देवी पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव और उनके पुत्र रंजीत यादव समेत पूरे परिवार पर दो दर्जन से अधिक मामले विभिन्न थाने में दर्ज है.