नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से काशी की जनता बेहद खुश है. स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी बतौर सांसद क्षेत्र का काफ़ी विकास करेंगे. एक ऐतिहासिक नगर होने की वजह से काशी का स्थान विश्व में अद्वितीय है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव की वजह से पर्यटन मानचित्र पर काशी उस तरह स्थापित नहीं हो पाया, जिसकी आशा की जाती थी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काशीवासियों की अपेक्षायें बढ़ गई हैं.
गुजरात से दिल्ली तक का राजनीतिक सफ़र तय करने वाले नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास को लेकर काफ़ी सतर्क रहते हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी मणिनगर से विधायक चुने जाते थेे. अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने मणिनगर का कायाकल्प कर दिया. दूसरे राज्य के लोग अगर पहली बार मणिनगर क्षेत्र का भ्रमण करें, तो उन्हें निश्चित रूप से किसी विकसित देश में होने का अनुभव प्राप्त होगा. वैसे तो सांसद बनने के बाद मोदी का मणिनगर से चुनावी रिश्ता ख़त्म हो गया है, लेकिन अब वाराणसी से उनका सियासी रिश्ता जुड़ चुका है. वाराणसी की जनता को नरेंद्र मोदी से ख़ास उम्मीद है, क्योंकि यहां के लोगों को ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी काफ़ी अच्छा काम करेंगे. वाराणसी से सांसद बनते ही शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए फ्लाई ओवर बनाने की चर्चाएं तेज़ हो गई हैं. इतना ही नहीं, वाराणसी को साफ़-सुथरा बनाने के लिए एक अभियान भी चलाया जाएगा. ख़बरों के मुताबिक़, वाराणसी के विकास के लिए प्रधानमंत्री का एक कार्यालय अब बनारस में भी कार्य करेगा. इसी कार्यालय में भारत के नए प्रधानमंत्री विदेशी मेहमानों और राष्ट्राध्यक्षों से मुलाक़ात भी करेंगे. इस योजना के पीछे तर्क यह है कि काशी और गंगा को दुनिया के सामने एक ब्रांड के रूप में पेश करना है, ताकि पूर्वांचल का महत्व बढ़ सके. वाराणसी में इस बात की चर्चा भी ज़ोरों पर है कि इस कार्य योजना पर बाक़ायदा अमल भी शुरू हो चुका है.
जानकारों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोर टीम के तीन सदस्य सुनील भाई ओझा, अरुण सिंह और सुनील दामोदर वाराणसी में ही डेरा डाले हुए हैं. बहरहाल, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से यह बात साफ हो गई है कि आने वाले दिनों में वाराणसी का कायाकल्प हो जाएगा. मोदी की इच्छा के अनुरूप सबसे पहले वाराणसी को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्त कराया जाएगा. इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए शहर में 40 ऐसे स्थानों का चयन किया गया है, जहां फ्लाई ओवर बनाए जाएंगे. प
मोदी का मिशन वाराणसी
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