तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण अब जानलेवा होता जा रहा है. आलम यह है कि 2015 से लेकर अब तक दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में 25 लाख लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. ऐसे लोगों की संख्या तो कहीं ज्यादा है जो प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं. यह तथ्य विदेशी शोध एजेंसी लैंसेट आयोग की रिपोर्ट में है.

इसके अनुसार, विश्व भर में प्रदूषण से होने वाली मौत की संख्या 90 लाख पहुंच चुकी है. यह संख्या मलेरिया, एड्स और तपेदिक से होने वाली मौत से भी तीन गुना है. चीन दूसरे नंबर पर है जहां प्रदूषण से होने वाली मौत का आंकड़ा 18 लाख पार कर चुका है. यह रिपोर्ट कहती है कि विकासशील देशों में हर छह में से एक मौत प्रदूषण के ही कारण होती है.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण के प्रभाव से हृदय संबंधी रोगों की संभावना बढ़ रही है. फेफड़ों का कैंसर एवं श्वसन संबंधी रोगों से ग्रस्त मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके अतिरिक्त त्वचा एलर्जी, एक्जिमा और मानसिक तनाव के मरीज भी खूब बढ़ रहे हैं.

यहां पर बता दें कि प्रदूषण से होने वाली बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जो बहुत हानिकारक होती हैं. इन दिनों हवा में प्रदूषण की मात्रा हर जगह ज्यादा है. वायु प्रदूषण इंसान के शरीर में जल्दी असर करता हैं क्योंकि यह सांस के साथ हवा के रूप मे शरीर मे पहुंचता है. वायु प्रदूषण से दमा, खांसी, आंखों की रोशनी कमजोर होना, सिरदर्द रहना, फेफड़ों में संक्रमण होना जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ कर सकता है.

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