दो तरह की राजनीति

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राजनीति दो तरह की होती है। जन पक्षधर और जन विरोधी ।

जन पक्षधर राजनीति का स्वरूप वैज्ञानिक है तथा यह तर्क संगत विचार, वर्ग चेतना और जन शिक्षण पर आधारित होती है। जबकि जन विरोधी राजनीति अवैज्ञानिक है, तथा यह झूठ,नफरत,भ्रामक दुष्प्रचार से ही चलती है।

जन पक्षधर राजनीति मानवीय प्रवृत्ति की है, जबकि जन विरोधी राजनीति पूर्णतः अमानवीय होती है।

जन पक्षधर राजनीति का लक्ष्य अत्यन्त महान और व्यापक होता है। जबकि जन विरोधी राजनीति का लक्ष्य बेहद संकीर्ण तथा किसी भी तरह सत्ता हासिल करने का ही होता है।

जन पक्षधर राजनीति में सबसे कमजोर तबकों, वंचितों, दलितों , आदिवासियों, विस्थापितों, शरणार्थियों, मेहनतकश जनता के जीवन और हितों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। जबकि जन विरोधी राजनीति सिर्फ शक्ति सम्पन्न उच्च तबकों के हितों के लिए ही काम करती है।

जन पक्षधर राजनीति मेहनतकश जनता के सच्चे प्रतिनिधियों द्वारा संचालित होती है।जबकि जन विरोधी राजनीति का संचालन बड़े पूंजीपतियों और औद्योगिक घरानों के माध्यम से होता है ।

जन पक्षधर राजनीति जनता को शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार का बुनियादी अधिकार देती है। जबकि जन विरोधी राजनीति में इसकी कोई गुंजाइश नहीं होती।

शैलेन्द्र शैली ।

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