केंद्र सरकार ने यह तय किया है की मई 4 के बाद विभिन्न राज्यों में अटके हुए अप्रवासी मजदूर, यात्री, विद्यार्थी और बाकी लोगों को उनकी राज्य सरकारें अपने राज्य में वापस ला सकती है. लेकिन लाने के लिए रोड का ही उपयोग होगा. रेल के बारे में अभी असमंजस की स्थिति है. सभी मजदूर वापस अपने अपने राज्य चले जाते हैं तो फिर जब उद्योग और बाकी कामकाज शुरू होगा तब उनके लिए मजदूर कहां से आएंगे ? शायद इस सवाल पर केंद्र ने सोचा नहीं. पंजाब और हरियाणा में तो खरीफ सीजन के लिए धान की खेती की जगह मजदूरों के कमी के चलते किसान कपास और मक्का बोने की सोच रहा है. क्या यह हमारे लिए हितकारी है?.इन सभी प्रश्नों पर एक विश्लेषण.
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