लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने बुधवार को दावा किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए डेटाबेस का काम करेगा. उन्होंने लोगों से एनपीआर का विरोध करने का आह्वान किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय में एक विरोध रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी दावा किया कि एनआरसी देश के मुस्लिमों के खिलाफ है. रॉय ने कार्यक्रम में कहा कि जब कोई एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आए तो उन्हें गलत जानकारी दें. जैसे अपना नाम रंगा-बिल्ला रख लें. उन्होंने कहा कि हमें आगे बहुत सोच समझ कर बढ़ना है. रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एनआरसी मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.
प्यार, एकजुटता का सामना कट्टरता और फासीवाद से हो रहा है: अरुंधति रॉय लेखिका अरुंधति रॉय ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते बृहस्पतिवार को देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए कहा था कि यह ऐसा दिन है जब ‘प्यार और एकजुटता का सामना कट्टरता और फासीवाद’ से हो रहा है.
एक बयान में उन्होंने कहा था कि इन प्रदर्शनों ने सरकार को बेनकाब कर दिया है. उन्होंने कहा था, ‘हम अब भी आगे बढ़ रहे हैं. भारत खड़ा है. यह सरकार बदनाम हो चुकी है और उसकी मंशा उजागर हो गई है. यह ऐसा दिन है जब प्यार और एकजुटता का सामना कट्टरता और फासीवाद से हो रहा है. हर व्यक्ति असंवैधानिक सीएबी और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हमलोग दलित, मुस्लिम, हिंदू, ईसाई, सिख, आदिवासी, मार्क्सवादी, आंबेडकरवादी, किसान, मजदूर, शिक्षक, लेखक, कवि, चित्रकार और इस देश का भविष्य माने जाने वाले अधिकतर छात्र हैं. इस बार आप हमें नहीं रोक पाएंगे.’