सियोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया के साथ भारत के सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने और व्यापार एवं निवेश समेत विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। जहां पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल के लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया।

प्रधानमंत्री ने रवानगी से पहले दक्षिण कोरिया को ‘मेक इन इंडिया’ जैसी भारत की अहम पहलों में एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताया था। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र के साथी के रूप में भारत और दक्षिण कोरिया विश्व शांति के लिए साझा मूल्य और दृष्टिकोण साझा करते हैं। मोदी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं। यह 2015 के बाद से कोरिया गणराज्य की उनकी दूसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मून जेइ इन के साथ उनकी दूसरी शिखर बैठक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस यात्रा से दक्षिण कोरिया के साथ भारत की विशेष सामरिक साझेदारी मजूबत होगी और ‘लुक ईस्ट नीति’ को नया आयाम मिलेगा। कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि इस यात्रा के दौरान मोदी द्विपक्षीय एवं व्यापारिक बैठक करेंगे। वह महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और सियोल द्वारा उन्हें दिया जाने वाला शांति पुरस्कार स्वीकार करेंगे। इस बयान से पहले मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि ‘‘हम हमारे संबंधों को कितना महत्व देते’’ हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम दक्षिण कोरिया को एक मूल्यवान मित्र मानते हैं जिसके साथ हमारी विशेष सामरिक भागीदारी है। लोकतंत्र के साथी के रूप में भारत और दक्षिण कोरिया विश्व शांति के लिए साझा मूल्य और दृष्टिकोण साझा करते हैं।’’ उन्‍होंने कहा, ‘‘बाजार अर्थव्यवस्था के साथी के रूप में हमारी ज़रूरतें और ताकत एक दूसरे की पूरक हैं। दक्षिण कोरिया मेक इन इंडिया, स्‍वच्‍छ भारत और स्‍टार्ट अप इंडिया का महत्‍वपूर्ण साझीदार है।’’ उन्होंने कहा,‘‘विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंध उत्साहवर्धक है। हम मौलिक से लेकर उन्नत विज्ञान के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों के आपसी संबंध हमारी मित्रता का आधार हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम लोगों, समृद्धि एवं शांति के लिए हमारे संबंधों को भविष्य केंद्रित साझीदारी के तौर पर मिलकर आगे लेकर जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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