शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जिला अस्पताल का शर्मनाक चेहरा सामने आया है जहां बुखार से पीड़ित नौ साल के बच्चे की मौत के बाद शव ले जाने के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस देने से मना कर दिया. इस मामले में कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी है.

परिजनों ने कहा कि शहर के थाना सदर बाजार अंतर्गत ईदगाह निवासी शकील के नौ वर्षीय बेटे अफरोज को रविवार को तेज बुखार आया जिसके चलते उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा कि रविवार रात बच्चे की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने बच्चे का शव अस्पताल से बाहर निकाल दिया.

परिजनों ने बताया कि बेटे का शव घर ले जाने के लिए शकील के पास एक भी पैसा नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि शकील की पत्नी, बेटे अफरोज के शव को सीने से लगाए डाक्टरों से एबुंलेंस देने की बात कहती रही लेकिन अस्पताल प्रशासन नहीं पसीजा.

अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों के तीमारदारों ने पैसा इकट्ठा करके चंदे से एंबुलेंस की व्यवस्था की और बच्चे के शव को उसके घर तक भिजवाया.

जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने मंगलवार को बताया कि मामला उनके संज्ञान में आने के बाद उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट को मामले की जांच दी और उसके बाद आज स्वयं उन्होंने अस्पताल में जाकर पूरे मामले की जांच की और बच्चे की मां के बयानों के आधार पर अस्पताल प्रशासन दोषी पाया गया.

उन्होंने बताया के संबंध में अस्पताल प्रशासन कोई भी ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका कि अस्पताल में एंबुलेंस या शव वाहन मौजूद नहीं था. जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है.

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