Lok Sabha Election 2019: पहली बाल खुले मंच से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल बेबस नज़र आए। उन्होंने पहली बार माना कि, वह कांग्रेस से गठबंधन को लेकर आतुर हैं लेकिन कांग्रेस उन्हें तवज्जो देने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने एक सभा में कहा, ”कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (आप) में गठबंधन हो जाए तो BJP सातों सीटें हार जाएगी, जमानत जब्त हो जाएगी। लेकिन कांग्रेस को मना-मना कर थक गए। मुझे नहीं समझ आता कि उनके मन में क्या है ?”

अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि,अगर मुझे ये भरोसा हो जाए कि दिल्ली में बीजेपी को कांग्रेस हरा देगी तो मैं सातों सीटें छोड़ दूंगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री जामा मस्जिद इलाके में आयोजित एक सभा को सम्बोधित कर रहे थे। आम आदमी पार्टी की सभा में अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”UP में कांग्रेस SP-BSP को कमजोर करने गई है, दिल्ली में AAP को कमजोर करने में लगी है। लेकिन कांग्रेस साथ आए न आए हम अकेले लड़ेंगे। कांग्रेस ने गठबंधन से मना कर दिया है। हम अकेले लड़ेंगे और BJP को सातों सीटों पर हराएंगे। जैसे हमने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराया था। वह 70 सीट में से तीन सीट जीत पाई थी।”

जानकारों कि मानें तो आप के साथ गठबंधन को लेकर खुद राहुल गाँधी तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि अब हालत बदले हैं और एक बार फिर कांग्रेस का खाया हुआ जनाधार लौट आएगा। वहीँ तमाम सर्वे में दावा किया गया है कि बीजेपी 2014 को दोहरा सकती है। लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है। कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। शीला दीक्षित को आम लोगों का मुख्यमंत्री कहा जाता है, और इस ज़िम्मेदारी के बाद खुद शीला दीक्षित भी लगातार छोटी-छोटी सभाएं कर रही हैं और एक बार फिर संगठन को मजबूत कर रही है। वहीं आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में खिसकते जनाधार को देखते हुए कांग्रेस से गठबंधन के लिए कई बार खुले मंच से अपील कर चुकी है।

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