this congrress leader behaving like next cm of madhya pradesh
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसम्बर को आने हैं, लेकिन इस बार मतदान के बाद अभूतपूर्व हलचल देखने को मिल रही है. दोनों प्रमुख पार्टियों की बेचैनी देखते ही बन रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस ईवीएम मशीनों पर हो रहे विवाद को लेकर अदालत तक पहुंच गई है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ ज्यादा सख्ती करने और अमानवीयता का आरोप लगा चुके हैं.

लेकिन तमाम आशंकाओं के बीच कांग्रेसी खेमा अतिउत्साह में भी नजर आ रहा. कांग्रेसी अपनी जीत को लेकर इस कदर आश्वस्त हैं कि राजधानी भोपाल में सरकार बनाने और प्रत्याशियों को विधायक बताने वाले पोस्टर नजर आने लगे हैं. इसी तरह की खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस ने मप्र के किसानों की कर्जमाफी का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है.

यह भी पढ़ें: मध्‍यप्रदेश : मतदान के बाद भी चिंता में कांग्रेस, ये है परेशानी का कारण

कमलनाथ की दावेदारी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए कोई कैंडिडेट घोषित नहीं किया गया है और इसके लिए मुख्य रूप से कमलनाथ और सिंधिया ही दावेदार हैं. राहुल गांधी अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन्हीं दोनों चेहरों को ही सामने रखकर वोट मांग रहे थे. लेकिन मतदान हो जाने के बाद एक बार फिर कांग्रेस के अन्दर मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासत तेज हो गई है. कमलनाथ और सिंधिया के समर्थक एक बार फिर खुल कर एक दूसरे के आमने-सामने हैं. इन सबके बीच कमलनाथ का व्यवहार भावी मुख्यमंत्री जैसा है और ऐसा लगता है कि उन्हें बस शपथ लेने की औपचारिकता पूरी करनी बाकी है.

कमलनाथ द्वारा 6 दिसंबर को कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए भोपाल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यशाला में प्रत्याशियों को यह बताया जाना था कि उन्हें मतगणना के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी है, जिससे संभावित गड़बड़ियों को रोका जा सके. यह एक तरह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते कमलनाथ का आयोजन था और प्रत्याशियों के सामने फ्रंट फुट पर वही थे. कार्यशाला के दौरान कमलनाथ का आत्मविश्वास भी देखने लायक था. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस इस बार चुनाव में 140 सीट जीतने जा रही है.

यह भी पढ़ें: जानिये, मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग ने कैसे बढ़ाया सस्पेंस ?

इस दौरान सिंधिया खुद नदारद तो थे ही, साथ ही मंच पर लगे बैकड्रॉप से उनकी फोटो भी गायब थी. यह एक तरह से एलान था कि यदि एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ही होंगे. हालांकि, इस दौरान कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने खुद मुख्यमंत्री बनने की संभावना से इंकार नहीं किया.

इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने एक पोस्टर लगाया जा चुका है, जिसमें लिखा है कि “मध्य प्रदेश की जनता का धन्यवाद, शांतिपूर्ण चुनाव और भाजपा को साफ़ करने के लिए! कमलनाथजी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के इन्तजार में प्रदेश में लागू हो छिंदवाड़ा विकास मॉडल, आप सभी का आभार.” मुख्यमंत्री पद को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि “सरकार बनने के बाद सीएम पद पर निर्णय होना चाहिए. अभी होड़ नहीं लगनी चाहिए.”

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here