प्रधानमंत्री कार्यालय में कोई तो अधिकारी होगा जिसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई होगी, वे लोग क्यों निष्क्रिय हैं ?

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वाराणसी के लोग शायद भूल गए हैं उनके सांसद और देश के प्रधानमंत्री इस समय राम मंदिर के शिलान्यास और 150 देशों की कोरोनावायरस से लड़ने में मदद में लगे हैं. यदि उन्हें अपने सांसद और प्रधानमंत्री से कोई निवेदन करना भी है 6 अगस्त के बाद करें|

तभी उनकी कुछ मदद शायद हो सके, वाराणसी के लोग कोरोनावायरस से बुरी तरह संक्रमित हो रहे हैं, आइसोलेशन सेंटर की जो तस्वीरें बाहर आई हैं वे डरावनी है, बनारस के अस्पतालों में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए लोगों के इलाज की जैसी व्यवस्था है उससे वहां के लोग डर गए हैं, उन्होंने आखरी गुहार अपने सांसद से लगाई है, सांसद के प्रतिनिधि और उनका दफ्तर क्यों निष्क्रिय है ?

प्रधानमंत्री कार्यालय में कोई तो अधिकारी होगा जिसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई होगी, वे लोग क्यों निष्क्रिय हैं? अक्सर प्रधानमंत्री के लोग अपने संसदीय क्षेत्र की सुध नहीं लेते लेकिन क्या श्री नरेंद्र मोदी उन से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं? मेरा सुझाव है उन्हें तत्काल अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को वाराणसी भेजना चाहिए और कोरोना से संक्रमित लोगों की चिकित्सा व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना चाहिए |

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