वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी SP उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है। जिसके बाद तेज बहादुर यादव बीजेपी पर साज़िश का आरोप लगाया है। तेज बहादुर पर नामांकन के दौरान हलफनामे में नौकरी से बर्खास्तगी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप था।

आयोग ने मंगलवार 11 बजे तक जवाब मांगा था, तेज बहादुर का दावा है कि उसने सबूत पेश कर दिए थे।  लेकिन फिर भी आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया है। यादव की चुनावी पारी अब समाप्त हो गई है। जिला चुनाव अधिकारी ने उनकी ओर से दाखिल दो नामांकन पत्रों में विसंगतियों का जिक्र करते हुए उन्हें नोटिस भेजा था।


इस पर यादव ने कहा, ‘‘मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल कि था और सपा के उम्मीदवार के तौर पर 29 अप्रैल को नामांकन किया था। अगर नामांकनों में कोई दिक्कत थी तो मुझे पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। कम समय बचा होने के बावजूद मेरी कानूनी टीम चुनाव अधिकारी को पूरी जानकारी दे रही है।

यादव ने कहा,‘‘मुझे चुनाव लड़ने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि देश का नकली चौकीदार असली चौकीदार से भयभीत है।’’ यादव के इन आरोपों पर भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गौरतलब है कि यादव ने सैनिकों को खराब भोजन परोसे जाने का आरोप लगाया था और उसका वीडियो वायरल कर दिया था जिसके बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।

वहीं सपा के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि यादव को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह किसानों और जवानों की आकांक्षाओं और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें वाराणसी में लोगों का जो समर्थन मिल रहा है उससे भाजपा भयभीत है।

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