अग्निवेश जी के साथ मेरा 40 साल से भी अधिक समय से मैत्री थी  ! गेरूआ कपडे पहनने वाले लोगों के बारे में पिछले कुछ समय से भय लगने लगा है  ! लेकिन स्वामीजी निर्भय ताका एहसास दिलाने वाले लोगों मे बड़ा नाम था  !
81 साल के सफर में हमेशा देश दुनिया के महत्वपूर्ण विषय पर आपने विचारों को रखकर उसपर सक्रिय कृति करने वाले लोगों मे बड़ा नाम था  ! वह बंधुआ मजदूरी के खिलाफ अलख जगाने वाले लोगों मे शीर्ष नेता थे लेकिन खालिस स्थानीय मुद्दों पर अटके हुए नहीं थे  !

मै भारत फिलिस्तीन फोरम का अध्यक्ष होने के नाते हमारी इस विषय पर उनके साथ काफी बातचीतः होती थी और वह कुछ कार्यक्रमों में शामिल होने देश विदेश भी आते थे  ! वही बात भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश के बीच काॅमन मुद्दों पर हमारे आपसी सहमति के प्रयास में भी वह उतनी ही मुस्तैदीसे शामिल थे  !

काफी कार्यकर्ता अपने इशू के आगे किसी दूसरे काम की अहमियत नहीं समझते हैं  ! लेकिन स्वामीजी उसमें अपवाद थे  ! हाल के कुछ दिनों से हमारे उपमहाद्वीप की सांप्रदाईक समस्या पर वह देश के चुनिंदा लोगों मे से एक थे बहुत शिद्दत के साथ इस समस्या पर बोलने लिखने वाले लोगों मे शीर्षस्थ लोगों मे एक थे और भागलपुर दंगों के बाद हम दोनों काफी नजदीक आये थे और इस विषय पर मेरे और उनके चिंतन में काफी साम्य था  !

क्योंकि आज की तारीख में हमारे देश के हर क्षेत्र में पोलराइजेशन हो चुका है जिसमें हमारे अपने खुद के संगठनों से लेकर घर भी इस वायरस से ग्रसित हो गये हैं  ! तो भगवा रंग का इस्तेमाल संघ परिवार के लोगों ने अल्प संख्यक समुदाय के लोगों को डराने धमकाने के लिए किया है और उस परिप्रेक्ष्य में स्वामीजी का भगवा आश्वस्त करता था और मै उन्हें विशेष रूप से कहता था कि गलती से भी भगवा रंग का त्याग नहीं करना  ! और कोई भी रंग किसीकी बपौति नहीं है और इस लिये मै खुद हर तरह के रंगों के कपड़े इस्तेमाल करता हूँ  !

आजसे दस साल पहले मुंबई में जावेद-तिस्ता के घर पर सनातन संस्था को लेकर मेरा इंटरव्यू करने के समय मुझे खुद को मालूम नहीं था कि मैंने कौनसे रंग का कुर्ता पहना हुआ है लेकिन जावेद ने सबसे पहले मेरे कुर्ते के रंग से शुरूआत की तो मैंने कहा कि भगवा रंग या हरा रंग यह संघ परिवार के लोगों की या उह्निके काउंटर पार्ट इस्लामी धर्म को लेकर राजनीति करने वाले लोगों की बपौति नहीं है  ! और इसीलिये स्वामीजी ने मरते दम तक भगवा रंग का इस्तेमाल किया और एक तरह से उस रंग की लाज बचाने का काम किया अन्यथा संघ परिवार हर अच्छी चीजों को खत्म करने पर तुला हुआ है और स्वामी अग्निवेश संघ के राडार पर हमेशा से रहे हैं और पाकुड झारखंड बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में उनके उपर पिछले साल जान लेवा हमला किया था  !

शायद उसीका परिणामों के कारण शुद्ध रूप से शाकाहारी, शराब बंदी के कट्टर समर्थक को लीवर डेमेज की वजह और कोई नहीं है  !
देश के गरीबों तथा अल्प संख्यक समुदाय के लोगों ने अपने लिये जद्दोजहद करने वाले लडाकू नेता को खोया है और मैंने अपना बेहतरीन दोस्त  ! विनम्र श्रद्धांजलि

डॉ सुरेश खैरनार

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