आज तो सिर्फ राम मंदिर के शिलान्यास की बातें हो रही हैं, किस तरह प्रधानमंत्री जा रहे हैं कैसे शिलान्यास होगा और कैसे अयोध्या में देश भर से पहुंचे लोग स्वागत नृत्य कर रहे हैं, लेकिन आज एक दूसरा पहलू भी याद रखने की जरूरत है और यह देखने की जरूरत है कि सरकार या न्यूज़ चैनल कब देश को यह सच्चाई बताएंगे

जब चाइना से हमारा तनाव हुआ और हमारे 20 जवानों की शहादत हुई तो सारे देश में गुस्सा छा गया और लोगों ने यह फैसला किया की वे चीनी सामान का बहिष्कार करेंगे. सरकार ने कुछ चाइनीस ऐप पर प्रतिबंध भी लगा दिया इससे लगा कि सरकार गंभीर है, लेकिन क्रिकेट की सबसे बड़ी बॉडी बीसीसीआई ने साफ किया कि वह चाइनीस स्पॉन्सर को मना नहीं करेगी , अगले 6 साल के लिए चीन की वीवो कंपनी बीसीसीआई के मुख्य स्पॉन्सर कंपनी है. हमें अपेक्षा थी कि बीसीसीआई अपना बेशर्म फैसला बदलेगी, लेकिन बीसीसीआई ने फैसला नहीं बदला, और अब उसे विवो कंपनी की तरफ से निर्णय मिला है और विवो ने अपनी तरफ से स्पॉन्सरशिप खत्म कर दी, अभी 1 साल के लिए. अच्छा होता यह फैसला बीसीसीआई लेती लेकिन वह बेशर्मी के साथ चीनी पैसा लेने के लिए देश के सम्मान के साथ खेल करती रही, चीन में लोगों का दबाव पड़ा कि जब भारत के साथ हमारा तनाव है तो हमारी कंपनी भारत को पैसा क्यों दे रही है, और इस दबाव की वजह से विवो ने स्पॉन्सरशिप वापस ली.

हमें हर विषय पर सरकार की तरफ से संदेश देने वाले इन महान अभिनेता चीनी कंपनी से पैसा लेते हैं दिल के कार्यक्रमों का स्पॉन्सरशिप चीनी कंपनी देती है, आमिर खान सलमान खान और अमिताभ बच्चन महान देशभक्त हैं लेकिन देश के दुश्मन करार दिए गए चाइना से पैसे लेने में उन्हें कोई अफसोस नहीं. उन्हें क्यों अफसोस हो जब हमारे देश के लोग चीन के बैंक से हजारों करोड़ डॉलर द्वारा लिए गए लोन की आलोचना नहीं कर रहे हो, जब धनवान अदानी चीन से बड़ा इन्वेस्टमेंट ले रहे हो, जब देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ₹500 में देश के लोगों को मोबाइल फोन मुहैया कराने की घोषणा कर रहे हो जो फोन चीन में बन रहे हैं और सिंगापुर के द्वारा भारत आने वाले हो, अब तक जियो ने जितना सामान भारत के उपभोक्ताओं को दिया है वह चाइना का बना है.

राम मंदिर के शिलान्यास के शोर में न सरकार ने और न न्यूज़ चैनलों ने देश को यह खबर दी लद्दाख में सिर्फ 500 किलोमीटर दूर चीन में परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलें तैनात कर दी है और अब वह उत्तराखंड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है.. हम मान बैठे हैं सीमा पर शांति है, लेकिन चीन मानता है उसे भारत से सावधान रहना है क्योंकि हो सकता है भारत अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को चुनाव में जिताने के लिए सीमा पर सीमित युद्ध कर दी, वैसे सभी जानते हैं कोई सीमित युद्ध नहीं हो सकता जो युद्ध होगा वह विश्वयुद्ध की तरफ जाएगा. हो सकता है सेना अपनी तरफ से तैयारी कर रही हो लेकिन हमारे न्यूज़ चैनल उन्हें हमें बता दिया है कि 5 रफाल आने के आने के बाद की बात चीन की कमर टूट गई है,
ऐसे समय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई याद आते हैं जिन्होंने देश को तनाव की सच्चाई बताई और देश को तैयार रहने के लिए प्रेरित किया. देश के भीतर बैठे चीन से व्यापार कर रहे हैं उद्योगपति क्या देश भक्त हैं, इन उद्योगपतियों की मदद कर रहे और सत्ता में बैठे राजनेता क्या देश भक्त हैं, चीनी कंपनियों की मदद से मुखौटा बने उद्योगपति पूरा रेल विभाग अपनी जेब में कर रहे हैं और गर्व से घोषणा कर रहे हैं कि अब रेल का किराया फिक्स नहीं होगा, इसका मतलब अब गरीब के लिए रेल नहीं है, कार उसके पास है नहीं, सिर्फ बस या पैदल चलना है उसके पास विकल्प है,

हमें याद आता है कि हिटलर हर मोर्चे पर हार रहा था लेकिन उसका मीडिया तंत्र हर मोर्चे पर हिटलर की विजय जर्मनी के लोगों को बता रहा था, उसके प्रचार मंत्री गोएबल्स का मानना था की एक झूठ को सौ बार कहो तो लोग उसे सच मान लेते हैं, हमारे यहां यह हो रहा है या नहीं इसका फैसला न्यूज़ चैनल देखने वाले दर्शक करें…
राम जन्मभूमि का उत्सव आज खत्म हो जाएगा, लेकिन चीन पाकिस्तान और नेपाल के साथ हमारा चुनाव बरकरार रहेगा क्योंकि हमारा विदेश विभाग पड़ोसियों के साथ तनाव करने में पहले दिन से असफल रहा है, युद्ध आखिरी विकल्प होता है उसके पहले 100 तरीके अपनाए जाते हैं लेकिन लगता है हमारी विदेश नीति देखने वाले पहले दिन से युद्ध को पहला विकल्प मान बैठे..
यह कड़वी सच्चाई है और इस सच्चाई की सत्यता सरकार बता सकती है, हमें आशा करनी चाहिए के शिलान्यास के बाद भारत सरकार सीमा को लेकर देश के सामने आएगी और उस भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगी जिसका अब तक करती रही है कि ना कोई आया न किसी ने हमारी जमीन पर कब्जा किया, जो सवाल खड़ा हुआ के चीन कहां से पीछे हटा,? सेना अधिकारी अभी भी क्यों कह रहे हैं अप्रैल की स्थिति बहाल होनी चाहिए और क्यों हमारे वीर जवानों ने शहादत दी. घाटी की हमारे सामने जो तस्वीरें आई वह बाद में गलत साबित हूं, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने जो तस्वीरें निकाली उनमें चीन की सेना कहीं पीछे हटती नहीं दिखाई दी वह गलवान घाटी में न केवल अपनी जगह पर थी बल्कि थोड़ी आगे बढ़ गई थी, उसने वहां पर आधुनिक लड़ाकू विमानों के लायक एयर स्ट्रिप भी बना ली,
खबरें अफवाह है तब सरकार को स्थिति तत्काल साफ करनी चाहिए और अगर अफवाह नहीं है तब देश को स्थिति का सामना करने के लिए तैयार होने का संदेश देना चाहिए,,, ढोल नगाड़ों शंख की आवाज में देश की सीमा की गंभीरता लुप्त नहीं होनी चाहिए

संतोष भारतीय

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