पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री द्वारा मंच से देश भर के स्वच्छाग्रहियों को स्वच्छता की शपथ दिलानी थी, लेकिन कार्यक्रम के बीच फैली अव्यवस्था के कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम नहीं हो सका. मुख्य कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 13 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की और विकास कार्यों एवं स्वच्छता अभियान की समीक्षा की.

satyagrahचम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह अभियान की शुरुआत की. 10 अप्रैल को मोतिहारी के गांधी मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में देश भर से पहुंचे बीस हजार स्वच्छाग्रहियों को सम्बोधित करते हुए स्वच्छता की मशाल जलाने का आह्‌वान किया. उन्होंने 20 अक्टूबर 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा. इस दौरान नरेंद्र मोदी ने लगभग 6 हजार करोड़ की कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया.

वहीं महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास नहीं हो सका. पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री द्वारा मंच से देश भर के स्वच्छाग्रहियों को स्वच्छता की शपथ दिलानी थी, लेकिन कार्यक्रम के बीच फैली अव्यवस्था के कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम नहीं हो सका. मुख्य कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 13 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की और विकास कार्यों एवं स्वच्छता अभियान की समीक्षा की.

पहली बार चम्पारण में हुआ ऐसा आयोजन

सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम ऐतिहासिक हुआ. पहली बार इस तरह का कार्यक्रम चम्पारण में आयोजित किया गया था. देश के कोने-कोने से आए 10 हजार स्वच्छाग्रहियों के आवास के लिए भव्य टेन्ट सिटी का निर्माण कराया गया था. वहीं गांधी मैदान में अत्याधुनिक पंडाल का निर्माण किया गया था, जहां से प्रधानमंत्री ने स्वच्छाग्रहियों को संबोधित किया. अन्तिम समय तक कार्यक्रम के रूपरेखा की जानकारी गोपनीय रखी गई थी. हालांकि प्रशासन द्वारा यह बताया गया था कि यह सरकारी कार्यक्रम है, जिसमें आम नागरिकों का प्रवेश वर्जित रहेगा. सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए थे. शहर और खासकर कार्यक्रम स्थल को खूब सजाया गया था. स्थानीय सांसद और भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह स्वयं तैयारियों का जायजा ले रहे थे.

मानव स्वभाव को बदलने वाला सबसे बड़ा आन्दोलन

पीएम मोदी ने अपने 48 मिनट का संबोधन भोजपुरी में शुरू कर भोजपुरी भाषियों को सुखद संदेश देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा-चंपारण के पावन पवित्र धरती पर देश के कोना-कोना से आइल स्वच्छाग्रही भाई बहन व इहवां के सम्मानित लोग के हम प्रणाम करत बानी. रउआ सब जान रहल बानी कि चंपारण के एही पावन धरती से अंग्रेजन के गुलामी से मुक्ति खातिर एगो मजबूत अहिंसक आंदोलन सत्याग्रह के सुरुआत भेल रहे. सौ बरस बितला के बाद भी ई कारगर बा. सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह आज समय के मांग बा. आज हम इहे स्वच्छता अभियान के आगे बढ़ावे ला रउआ सब के सोझा बानी. उन्होंने कहा कि इतिहास खुद को दोहराता है. सौ वर्ष पहले का इतिहास फिर साक्षात मौजूद है.

मेरे सामने वे स्वच्छाग्रही बैठे हैं, जिनके भीतर गांधी के आचार-विचार का अंश विराजमान है. मैं उनको प्रणाम करता हूं. जनआंदोलन की ऐसी ही तस्वीर सौ वर्ष पहले दुनिया ने देखी थी, आज दुनिया इस दृश्य को देखकर बापू को नमन कर रही है. गांधी के नेतृत्व में तब गली-गली जाकर काम किया गया. सौ वर्ष बाद उसी भावना पर चलकर स्वच्छाग्रहियों ने कंधा से कंधा मिलाकर काम किया है. पिछले साढ़े तीन साल में शौचालय निर्माण का दायरा चालीस प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत तक जा पहुंचा है. पिछले साढ़े तीन साल में सात करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया. पिछले एक सप्ताह में बिहार, यूपी व अन्य जगहों पर 26 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है. इस अभियान ने महिलाओं की जिंदगी जिस तरह बदली है, उससे आप परिचित हैं. यह मानव स्वभाव को बदलने वाला विश्व का सबसे बड़ा आंदोलन है.

आज इस विशाल सभा में उपस्थित हर स्वच्छाग्रही में कोई कस्तूरबा है, तो कोई लोमराज, पीर मुहम्मद मुनीस, राजेन्द्र बाबू, रामनवमी बाबू, गोरखबाबू तो कोई जेबी कृपलानी हैं. जिस तरह सत्याग्रह ने देश को नई दिशा दी, वैसे ही आज के ये स्वच्छाग्रही लाखों करोड़ों लोगों को एक नई दिशा दे रहे हैं. पीएम मोदी ने परमेश्वरन अय्यर का जिक्र और उनके काम की सराहना की. हालांकि ये पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी ने परमेश्वरन अय्यर की प्रशंसा की हो. इससे पहले भी मन की बात के दौरान उन्होंने परमेश्वरन अय्यर के बारे में लोगों को बताया था.

लोहिया ने पहली बार उठाई थी स्वच्छता की बात: नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चलो चम्पारण अभियान को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया ने स्वच्छता एवं शौचालय को लेकर 50 के दशक में कहा था कि महिलाओं के लिए स्वच्छता आवश्यक है. खुले में शौच एक अभिशाप है. उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से कहा था कि अगर वे देश की महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था कर दें तो वे उनका विरोध करना छोड़ देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के 101 साल हो गए. 10 अप्रैल 1917 को बापू पटना आए थे.

चार दिन मुजफ्फरपुर रहने के बाद वे चम्पारण पहुंचे और किसानों की समस्या एग्रेरियन एक्ट से मुक्ति दिलाई थी. सीएम ने कहा कि बापू की 150 वीं जयंती पर पूरा देश खुले में शौचमुक्त होगा. अब बिहार सरकार हर घर में नल का जल, पक्की नाली, गली एवं हर घर बिजली के अलावा शौचालय की व्यवस्था में लगी है. उन्होंने कहा कि शौचालय एवं स्वच्छ पेयजल से आधे लोगों की बीमारी दूर हो जाएगी. नीतीश ने कहा कि बापू के चम्पारण आगमन के 101वें साल में उनके विचार हर घर में पहुंचाने के लिए स्कूलों में गांधी कथा वाचन शुरू किया जा रहा है. इसके लिए किताब तैयार हो गई है. अगर 15 प्रतिशत युवाओं ने भी गांधी के विचारों को अपना लिया तो देश का कल्याण हो जाएगा. उन्होंने बिहार की वर्तमान स्थिति के बारे में इशारा करते हुए कहा कि सब एक दूसरे की इज्जत करें. सम्मान करें, तनाव एवं टकराहट का वातावरण नहीं बनाएं, तभी देश आगे बढ़ेगा.

सीएम ने पीएम को आश्वस्त किया कि बिहार पूरी तरह ओडीएफ होगा. जहां जमीन नहीं है, वहां सामूहिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है एवं प्रत्येक घरों को उसकी चाबी दे दी जाएगी. उन्होंरने कहा कि 4 हजार में शौचालय बनना संभव नहीं था, इसलिए 8 हजार रुपए राज्य सरकार दे रही है. 2 अक्टूबर 2019 तक बिहार पूरी तरह ओडीएफ होगा. इस कार्यक्रम के लिए नीतीश कुमार ने एक बार भी मोदी का नाम नहीं लिया, जबकि बाकि सभी स्वच्छता अभियान को मोदी का अभियान बताया.

नहीं हुआ महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास

जिला प्रशासन द्वारा केविवि के लिए प्रस्तावित भूमि का अधिग्रहण नहीं कर पाने के कारण महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय का बहुप्रतीक्षित शिलान्यास नहीं हो सका. बताते हैं कि प्रशासनिक गलतियों और किसानों को समुचित मुआवजा नहीं देने के कारण भूअर्जन नहीं हो सका. भूमि की कीमत को लेकर बनकट के किसानों ने आपत्ति जताई थी. वहीं फुरसतपुर के भूमि के भूअर्जन की स्वीकृति ही अन्तिम समय में मिली, जहां पिछले कई वर्षोंं से एमवीआर का पुनरीक्षण नहीं किया गया है, जो भारी प्रशासनिक चूक और भूमाफिया के सांठ-गांठ की ओर इशारा करता है.

एक योजना के लिए एक ही पंचायत के तीन ग्रामों के भूमि के अधिग्रहण के लिए अलग-अलग स्वीकृति हेतु पत्र भेजना स्वयं में एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है. लेकिन 302 एकड़ की जगह मात्र पांच-सात एकड़ भूमि का भुगतान किसानों को करके उसी पर शिलान्यास कराने की बात कही जा रही थी. बताते हैं कि भूअर्जन नीति के अनुरूप पूरी जमीन के भुगतान और प्रभावितों को पुनर्स्थापित किए बिना कोई शिलान्यास नहीं किया जा सकता है, इसी आधार पर पीएमओ द्वारा शिलान्यास से इन्कार कर दिया गया.

जदयू नेताओं ने जताई आपत्ति

जिले के जदयू नेताओं ने कहीं भी पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चित्र नहीं लगाए जाने पर आपत्ति जताई. वहीं जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि जदयू नेताओं को सभा में भाग लेने के लिए प्रवेश पत्र निर्गत नहीं किया गया.

एक स्वच्छाग्रही की मौत

9 अप्रैल की रात एकाएक यशवंत मंडलोई नामक सत्याग्रही को गैस की शिकायत हुई. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 36 वर्षीय मृतक मध्यप्रदेश के खारगणे जिला के सीखेड़ा ग्राम के कैलाश मंडलोई का पुत्र था.

चीनी मिल पर चुप्पी से किसानों में आक्रोश

चीनी मिल को चालू करने की मांग को लेकर 10 अप्रैल 2017 में दो मजदूर नेताओं ने आत्मदाह कर लिया था. ठीक एक साल बाद पीएम मोतिहारी आ रहे थे. वहीं 9 मई 2014 में चुनावी सभा में चीनी मिल पर मोदी द्वारा दिए गए बयान को लेकर लोगों को आशा थी कि मोदी अवश्य ही कोई घोषणा करेंगे. वहीं अपनी मांग को लेकर आत्मदाह करने वाले नरेश श्रीवास्तव और सूरज बैठा की बेवा और मजदूर चीनी मिल गेट पर कई दिनों से मौन आन्दोलन में बैठे हैं, लेकिन उस विषय में मोदी द्वारा सहानुभूति के दो शब्द भी नहीं कहा जाने से लोगों में आक्रोश है.

स्वच्छाग्रहियों ने किया विरोध

एक स्वच्छाग्रही की मौत पर मुआवजा और स्वच्छाग्रहियों के लिए प्रोत्साहन राशि की मांग करते हुए हो-हल्ला का माहौल बन गया था. उधर पीएम मोदी भाषण दे रहे थे. विरोध प्रदर्शन कर पंडाल से बाहर जाने वाले स्वच्छाग्रहियों को पदाधिकारी, पुलिस और उनके लीडर समझाते रहे. बताते हैं कि संभवत: इसी कारण शपथ का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया.

योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण

  • मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन परियोजना. पटना, सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी से रक्सौल के रास्ते नेपाल तक जाएगी पाइपलाइन. सुगौली में बनेगा मार्केटिंग डिपो.
  • हरसिद्धि के पानापुर पंचायत के कोबया में गैस बॉटलिंग प्लांट. 50 हजार सिलिंडर प्रतिदिन होगी रिफिलिंग की क्षमता.
  • बेतिया में शुद्ध पेयजल हेतु अमृत योजना
  • मोतिहारी के मोती झील का जीर्णोद्धार, संरक्षण और उन्नयन कार्य.
  • बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो के औरंगाबाद-घोरदाहा खंड को छह लेन का चौड़ीकरण कार्य.
  • नमामि गंगे की पटना में चार परियोजनाओं का शिलान्यास.
  • कटिहार से सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मोेतिहारी होते हुए दिल्ली जाने वाली चम्पारण हमसफर ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कटिहार से रवाना किया.
  • 12 हजार हॉर्स पावर के इंजन का निर्माण करने वाली मधेपुरा रेल फैक्ट्री को देश को किया समर्पित.
  • मुजफ्फरपुर, सुगौली, वाल्मिकीनगर रेलखंड के दोहरीकरण का शिलान्यास
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