ramanबीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने अपने बयान से पलटी मार ली है. दो दिन पहले तक वो इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही थीं कि रमन सिंह चौथी बार बीजेपी की सत्ता आने पर मुख्यमंत्री शायद न हों, लेकिन दो दिन बाद ही वो पलट गईं. सरोज पांडेय ने नया बयान जारी किया कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी. उनके बारे में जो बयान पहले मीडिया में आए हैं, वो तोड़-मरोड़ के पेश किऐ गए हैं. उनके पहले और अभी के बयानों के बीच बीजेपी के अंदरखाने काफी कुछ घट गया, जो बेहद दिलचस्प है.

कोरबा में जुलाई में बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में सरोज पांडेय ने सबसे पहले ये बयान दिया कि अगर बीजेपी की छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी होती है, तो अगले मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी संसदीय बोर्ड करेगी. इस बयान के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी चिंता करने की बजाय पार्टी की जीत की चिंता करें. इसके बाद रायपुर में अक्टूबर में जब कार्यसमिति की दोबारा बैठक हुई तो उन्होंने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने जो बातें कही थीं, वो तथ्यों पर आधारित थीं.

लेकिन दो दिन बाद उन्हें एक ऐसा बयान जारी करना पड़ा जिससे उनकी छवि धूमिल हो गई. एक बयान जारी कर सरोज पाण्डेय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह पार्टी संगठन में हमारे सर्वमान्य और सर्वसम्मानित नेता हैं. उनके नेतृत्व में विगत चौदह वर्षों में छत्तीसगढ़ में गांव, गरीब और किसानों तथा समाज के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए शानदार काम हुए हैं. सरोज पाण्डेय ने कहा-विकास के इन कार्यों को देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलेगा और एक बार फिर डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनेगी. आगामी विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा.

पाण्डेय ने मीडिया में आई इन खबरों को निराधार बताया, जिसमें उनके कथित बयान के हवाले से यह लिखा गया है कि राज्य में चुनाव के बाद सीएम का चेहरा तय होगा. पाण्डेय ने कहा कि मैंने ऐसा कोई भी बयान मीडिया को नहीं दिया है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर प्रचारित किया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में छत्तीसगढ़ में सरकार के नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है और भाजपा का पूरा प्रदेश संगठन आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर चौथी बार भी डॉ. रमन सिंह की सरकार बनाने के लिए एकजुट होकर काम कर रहा है.

हालात तब बिगड़ गए, जब पैकरा ने सरोज पांडेय के सुर में सुर मिला दिया. जिस शाम सरोज पांडेय का बयान जारी हुआ, उसी दोपहर को बिलासपुर में प्रदेश के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने सरोज पांडेय के सुर में सुर मिला दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव तो रमन सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन अगला मुखिया कौन होगा, इसका फैसला आलाकमान करेगा.

प्रदेश के दोनों दिग्गज नेताओं के बयानों के आधार पर प्रदेश के एक बड़े पोर्टल ने सवाल उठाया कि क्या रमन सिंह बीजेपी की चौथी पारी में मुख्यमंत्री नहीं होंगे? क्या पार्टी ने अपना अगला मुख्यमंत्री तलाश लिया है. इस बयान के बाद बीजेपी में भूचाल आ गया. मुख्यमंत्री ने जब ये ख़बर पढ़ी तो वे बेहद नाराज़ हुए. उनकी नाराज़गी के बाद मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई. सबसे पहले गृहमंत्री रामसेवक पैकरा से बात की गई. पैकरा ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन जब उनके बयान का वीडियो सामने आया तो पैकरा का सच सामने आ गया. चर्चाओं के मुताबिक इसे लेकर मुख्यमंत्री ने संगठन सह मंत्री सौदान सिंह और प्रभारी अनिल जैन के ज़रिए अपनी शिकायत आलाकमान तक पहुंचाई. सरोज पांडेय की शिकायत ऊपर तक हुई. रमन सिंह की ओर से कहा गया कि अगर इस तरह के बयान पार्टी के बड़े नेताओं की ओर से आते रहे, तो राज्य में अगला चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा. पार्टी पहले से ही गुजरात में बुरी तरह उलझी हुई है लिहाज़ा वो छत्तीसगढ़ के झगड़े सुलझाने के चक्कर में अपनी उलझन नहीं बढ़ाना चाहती. इसलिए आलाकमान ने सरोज पांडेय को बेदह सख्त संदेश दे दिया कि वो इन हालातों में पार्टी के लिए मुश्किलें ना खड़ी करें. सरोज पांडेय को इस मामले में रमन सिंह के पक्ष में बयान जारी करने को कहा गया.

चूंकि रामसेवक पैकरा की हैसियत बहुत बड़ी नहीं है. वो रमन सिंह की कृपा पर ही मंत्री बने हुए हैं, इसलिए उन्हें समझाने का ज़िम्मा रमन सिंह को ही सौंपा गया. बताया जा रहा है कि सीएम की ओर से पैकरा से बात की गई और उन्हें जमकर फटकार लगाई गई.

दोनों नेताओं को फटकार लगाने के बाद सरोज पांडेय की तरफ से बयान जारी किया गया और विवाद को ठंडा करने की कोशिश की गई है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि दोनों नेताओं के बीच मतभेदों को फौरी तौर पर शांत कराया गया है. चिंगारी अभी बुझी नहीं है. गुजरात चुनावों के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनने की सरोज पांडेय की महत्वाकांक्षा ज़ोर मारेगी. वे फिर से सरकार को घेरने की कोशिशों में जुट जाएंगी. लेकिन जानकार बाताते हैं कि गुजरात चुनाव के बाद हालात बदल सकते हैं. एक संभावना ये भी है कि गुजरात के नतीजे विपरीत आने पर शिवराज सिंह और रमन सिंह का कद राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ सकता है, जिसके बाद अमित शाह खेमे की सरोज पांडेय कमज़ोर हो सकती हैं.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here