कम्युनिस्ट नेत्री ,शिक्षाविद् ,साहित्यकार विश्व शांति और महिलाओं के हक की पक्षधर प्रोफेसर नुसरत बनो रूही जी को नहीं रहे आज 4 साल हो गए ।मानवीय मूल्यों और जीवन के उच्चतम आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध उनका अवदान हमारा प्रेरणास्पद है ।समूची मानवता के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया ।वे एक आदर्श कामरेड थीं ।प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की पक्षधर रूही जी ने सांप्रदायिक ,कट्टरपंथी ताकतों का कड़ा प्रतिरोध किया और एक योद्धा की तरह मैदानी संघर्ष किया ।कम्युनिस्ट आंदोलन में उनका अवदान बेमिसाल है ।वे हमेशा याद रहेंगी ।रूही जी को श्रद्धांजलि और लाल सलाम ।
शैलेन्द्र शैली ।

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