लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जमकर फटकार लगाई है. हार की समीक्षा में लिए बुलाई गई  सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथों लिया. गौरतलब है कि अशोक गहलोत और कमलनाथ ने अपने बेटों को टिकट देने पर जोर दिया. हालांकि राहुल गांधी निजी तौर पर इसके पक्ष में नहीं थे. इस दौरान राहुल गांधी ने पी. चिदंबरम का नाम भी लिया.

इस बैठक में राहुल गांधी कुछ पार्टी के उन  नेताओं के रवैये से नाराज दिखे जो अपने बेटों को ही आगे बढ़ाने में लगे रहे. बैठक के दौरान राहुल गांधी ने  ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी फटकार लगाई. बैठक में जहां  कमलनाथ अनुपस्थित रहे तो  वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैसे बड़े नेता मौजूद थे.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर कुछ नेता काफी भावुक नजर आये. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कहते हुए नजर आये कि  राहुल ने चुनाव आगे बढ़कर लड़ा है इसलिए उन्हें इस तरह से हिम्मत हारने की जरुरत नहीं है.  इस दौरान प्रियंका गांधी ने भी कहा कि अगर राहुल इस्तीफे देते है तो वह बीजेपी की चाल में फंस जाएंगे. साथ ही अन्य नेताओं ने भी राहुल से  इस्तीफा न  देने का अनुरोध किया. राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश खारिज करने के बाद कांग्रेस की कार्यसमिति ने पार्टी की चुनावी हार की पड़ताल करने का फैसला लिया.इस पड़ताल का स्वरूप कैसा होगा. इसका फैसला भी जल्द किया जायेगा.

पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि बैठक में पराजय के कारणों पर शुरुआती चर्चा ही हुई. बैठक के प्रस्ताव में कहा भी गया है कि कांग्रेस उन चुनौतियों, विफलताओं और कमियों को स्वीकार करती है जिनकी वजह से ऐसा जनादेश आया है.  कांग्रेस कार्यसमिति हर स्तर पर आत्मचिंतन के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वह पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन और विस्तृत पुनर्सरचना करें. इसके लिए जो भी योजना हो, वह जल्द से जल्द लागू करें। राहुल गांधी को पूरा अधिकार दिया गया है कि वह कांग्रेस में हर स्तर पर जैसा चाहें वैसा बदलाव लाने के लिए कदम उठा सकते हैं.

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