rahul gandhi attacked on modi government

मानसून सत्र में आज शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर विमानों की कीमत ज्यादा करने के गंभीर आरोप लगाए। इसके जवाब में फ्रांस की ओर से राहुल के दावे को सिरे से खारिज कर दिया गया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक फ्रांस ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा दोनों देशों में सूचना गोपनीय रखने का करार है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उधर राहुल गांधी भी फ्रांस के खंडन पर अड़े रहे और कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति ने 9 मार्च 2018 के दिये एक इंटरव्यू में कहा था कि यह करार भारत और फ्रांस के लिए बहुत ही गोपनीय है और हम इसका खुलासा नहीं कर सकते।

फ्रांस के बयान पर राहुल गाधी ने भी पलवार किया। राहुल बोले मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा, फ्रांस को खंडन करना है तो करे। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने मेरे सामने कहा था। उस दौरान मेरे साथ मनमोहन सिंह और आनन्द शर्मा मौजूद थे।

इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस आरोप को ‘पूरी तरह गलत करार दिया कि राफेल विमान सौदे के संदर्भ में फ्रांस और भारत के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है। सीतारमण ने कहा कि लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत और फ्रांस के बीच 2008 में समझौता हुआ था।

उन्होंने कहा, ”यह गोपनीयता का समझौता है। गोपनीय सूचना को सार्वजनिक नहीं करने के लिए समझौता था। मुझे जानकारी नहीं है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी से क्या कहा था। परंतु फ्रांस के राष्ट्रपति ने दो भारतीय चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि राफेल सौदे के वाणिज्यिक ब्यौरे को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी ने जो कहा है वह पूरी तरह गलत है और इसका कोई आधार नहीं है।

इससे पहले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग सरकार के समय राफेल लड़ाकू विमान के लिए जो सौदा किया गया था उसके मुताबिक प्रत्येक विमान की कीमत 520 करोड़ रुपये थी, लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस गए और विमान का दाम 1600 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने कहा था कि मैं विमान की कीमत बताउंगी। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि मैं यह आंकड़ा नहीं दे सकती क्योंकि भारत और फ्रांस के बीच गोपनीयता का समझौता है।

राहुल गांधी ने दावा किया कि मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिला था। उन्होंने मुझे बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे का कांट्रैक्ट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से लेकर प्रधानमंत्री के करीबी एक उद्योगपति को दिया गया जबकि इस उद्योगपति पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

गांधी ने दावा किया कि इस उद्योगपति को 45 हजार करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे के प्रारूप को अचानक ही क्यों बदला गया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कांट्रैक्ट लेकर उस उद्योगपति को क्यों दिया गया जिस पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

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