जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विस्फोट के बाद वाहनों के कलपुर्जे नजदीक के गांव में जाकर गिरे। आतंकियों ने CRPF जवानों से भरी जिस बस पर आतंकी हमला किया था, उसमें 42 लोग लोग सवार थे। एक ड्राइवर के अलावा एक कमांडर, 3 अंगरक्षक और इसके अलावा अलग-अलग बटालियन के 37 जवान शामिल थे। लगभग इन सभी के शहीद होने की आशंका है। आशंका यह भी है कि आतंकियों ने इस काफिले पर हमला करने की तैयारी काफी पहले से की हुई थी। और जिस बस पर हमला किया गया, वह काफिले के बीच में चल रही थी। आतंकियों के कायराना हमले ने जिन जवानों की जान ली है, उनके परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया है।

जिस जगह ये आतंकी हमला हुआ था वहां के स्थानियों लोगों ने दिल दहलाने वाली दास्ताँ सुनाई है।लेथपोरा के स्थानीय नागरिक ने बताया कि ‘हम लोग अपने घरों में बैठे हुए थे, जब तेज धमाका हुआ और एक बारगी धरती हिल गई। यह धमाका इतना ताकतवर था कि हम जहां बैठे हुए थे, वहां से उछलकर दूर जा गिरे।’

सीआरपीएफ के काफिले की जिस बस को आतंकी ने निशाना बनाया था, वह बस हमले के बाद इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई कि मौके पर वह कुछ तारों का ढांचा भर लग रही थी। वहीं शहीद जवानों के शरीर के हिस्से घटनास्थल पर यहां-वहां फैले हुए थे। धमाका इतना तेज था कि शहीद जवानों के सामानों को हमले के बाद घटनास्थल के पेड़ों से उतारा गया। हमले में दूसरी बस भी चपेट में आयी थी, लेकिन इस बस में किसी तरह से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि इस बस में कुछ जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घटना के समय मौके पर मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने बताया कि ‘एक कार अचानक से काफिले के बीच आ गई और एक तेज धमाका हुआ। जब तक हम लोग नीचे उतरे तो बस गायब थी और धमाके में बस पूरी तरह से तबाह हो गई। जवानों के शरीर के टुकड़े वहां बिखरे हुए थे।’

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