मुंबई: फिलहाल कांग्रेस प्रियंका गाँधी के आधिकारिक तौर पर राजनीती में आने की खुशियां मना रही है। लेकिन कई राज्यों से उनके लिए बेहद अच्छी खबर नहीं आ रही है। महाराष्ट्र में तो उनका गठबंधन टूट के कागार पर है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी लोकसभा चुनावों के ठीक पहले महाराष्ट्र में महागठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है। पिछले कई महीनों से कांग्रेस एनसीपी गठबंधन दलित नेता और बाबा साहेब अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर को अपने साथ लाने में जुटे हैं। लेकिन अंबेडकर चाहते हैं कि, इस गठबंधन में उन्हें सम्मानजनक सीटें मिले। लेकिन अब तक इस पर कोई फैसल न होता देख, प्रकाश अंबेडकर ने अब अल्‍टीमेटम दे दिया है। उन्‍होंने कहा है, ’30 तारीख तक हमारी सीटों पर फैसला करें, वरना हम अपना फैसला कर लेंगे।’

ये पूरा पेंच सीटों के बटवारे को लेकर है। प्रकाश आंबेडकर ये दावा कर रहे हैं की उनकी ताक़त बढ़ी है और ऐसे में उन्हें कम से कम 4 या 5 सीटें मिलें। जबकी कांग्रेस-एनसीपी उन्हें अकोला की एक सीट देने को तैयार है। प्रकाश अंबेडकर इससे कम पर मानने को राज़ी नहीं है। कांग्रेस एनसीपी की मुश्किल ये है की उनके महागठबंधन में कई और भी छोटी पार्टियां हैं। अगर वो अंबेडकर को इतनी सीटें देंगे तो बाकी को भी उन्हें मनाना होगा।

महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन बना है उसमे राजू शेट्टी के स्वाभिमान शेतकारी पार्टी के इलावा भी कई और हैं। कांग्रेस-एनसीपी पूरी कोशिश कर रही है कि, प्रकाश आंबेडकर उनके साथ आ जाएँ लेकिन आंबेडकर सम्मानजनक सीटो की मांग पर अड़े हैं। प्रकाश ने ये भी दावा किया है की अब तक कांग्रेस-एनसीपी ओर से उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं आया। कांग्रेस के साथ जो भी बैठकें हुई उनमें सिर्फ एमआईएम के साथ होने पर आपत्ति जताई गई थी। इस पर ओवैसी ने साफ कर दिया कि अगर परेशानी है तो वे हट जाते हैं।

आंबेडकर ने कह दिया है की कांग्रेस 30 तारीख तक अपना प्रस्ताव दे दे। लिखित में दे। अगर 30 तक प्रस्ताव नहीं आया तो हम अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।’

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