party removed his leader in uttar pradesh
2019 के लोकसभा चुनावों की आहट के साथ ही पार्टियों में भगदड़ शुरू हो गई है. दल बदलने वाले नेताओं की पार्टियों में सिर्फ क्षेत्रीय पार्टियां ही नहीं, राष्ट्री य दल कांग्रेस और भाजपा भी शामिल हैं. इस बीच, उत्तर प्रदेश के एक नेताजी के लिए दल बदलने की तैयारी महंगी पड़ गई है. बसपा में जाने की सोच रहे, भाजपा से संबंधित इस नेता को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी से बगावत करने वाली एक महिला नेता को पार्टी में एंट्री दे दी है.

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विधायक रह चुके हैं

पार्टी द्वारा बाहर किए गए नेताजी का नाम चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह है. वे विधायक रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. दरअसल, पूर्व विधायक सोनू सिंह बसपा में जाने की तैयारी कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने पूरे सुल्तानपुर जिले में बसपा की 2 दिसंबर को होने वाली रैली की होर्डिंग्स और पोस्टर लगवा दिए थे. हालांकि अब भाजपा से निष्कासित होने के बाद उनके बसपा में जाने की राह आसान हो गई है. उनके अलावा वर्तमान जिला पंचायत सदस्य और उनके भाई मोनू सिंह भी बसपा में शामिल होने जा रहे हैं.

बागी नेता की वापसी

एक नेता को निकालने के बाद पार्टी ने एक पूर्व बागी की घर वापसी करा दी है. भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाली केतकी सिंह को पार्टी में वापस ले लिया गया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बांसडीह सीट भासपा के कोटे में चली गई थी और वहां से ओम प्रकाश राजभर के बेटे ने चुनाव लड़ा था, जहां से केतकी सिंह चुनाव लड़ना चाहती थीं. उसके बाद वे बांसडीह सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ीं थीं. अब केतकी सिंह का निष्कासन रद्द कर दिया गया है. हालांकि केतकी सिंह के वापस भाजपा में आने से राजभर की नाराजगी और भड़क सकती है.

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