दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी मौत की सजा पर पुनर्विचार याचिका दायर की है। 32 वर्षीय अक्षय कुमार सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि आज के समय में लोग वैसे ही लोगों की जिंदगी कम हो रही है ऐसे में फांसी की सजा दिए जाने की जरूरत क्या है।

याचिका में अक्षय कुमार में वेद, पुराण और उपनिषद् का हवाला देते हुए कहा कि सतयुग में लोग लंबे समय तक जीते थे, अब ऐसा नहीं है। याचिका में दिल्ली के प्रदूषण और दूषित पानी का भी जिक्र किया गया। याचिका में कहा गया कि सभी लोग इस बात को जानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में पानी और हवा को लेकर क्या स्थिति है। जिंदगी वैसे ही छोटी होती जा रही है ऐसे में फांसी दिए जाने की क्या जरूरत है।

याचिका में अक्षय कुमार सिंह ने कहा है कि फांसी की सजा न्याय के नाम पर राज्य की तरफ से मनुष्य की पूर्वनियोजित और बर्बर तरीके से की जाने वाली हत्या है। मालूम हो कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक फिजियोथेरेपी की इंटर्न छात्रा के साथ चलती बस में दरिंदगी की गई थी।

बाद में लड़की ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। घटना उस समय हुई जब छात्रा देर रात अपने बॉयफ्रेंड के साथ फिल्म देखकर घर लौट रही थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अदालत ने इस मामले में चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी।

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