nan scam and bhupesh baghel

छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ रूपए का नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला फिर से गरमा गया है. जाहिर है कि चौथी दुनिया ने छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही खबर छाप कर आशंका जता दी थी कि अब नान घोटाले की जांच को लेकर नई सरकार कड़ा रूख अपना सकती है.  भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही इस घोटाले के आरोपी आईएएस अनिल टुटेजा ने सीएम से मुलाकात कर 6 पेज का शिकायती पत्र सौंपा था. साथ ही खुद को निष्पक्ष बताते हुए कहा था कि उन्हें कुछ प्रभावशाली नेताओं ने फंसाया था. टुटेजा ने जांच में कमियों की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए निष्‍पक्ष जांच की मांग की है.

गौरतलब है कि ये घोटाला रमन सरकार के दौरान हुए सबसे बड़े और चर्चित घोटालों में से एक है. कमाल की बात ये है कि इस घोटाले में खुद रमन सिंह और उनकी पत्नी पर भी करोड़ों रूपयों का घपला करने के आरोप लगे हैं. डॉ.रमन सिंह ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में इस घोटाले की ना तो तरीके से जांच होने दी और ना ही उस डायरी के पन्नों को सामने आने दिया, जिसमें नान घोटाले में हुए लेन-देन का हिसाब लिखा था. चूंकि नान के एमडी और सचिव, रमन सिंह के करीबी थे इसलिए उन्होंने भी जांच में कभी सच्चाई बयान नहीं की. अब चूंकि सरकार बदल गई है लिहाजा खुद आईएएस टुटेजा ने आगे आकर निष्पक्ष जांच की मांग की है. ताकि वो खुद को बचा सकें. इतना ही नहीं उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका भी कोर्ट में लगा दी है. इस मामले की अब अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी.

जाहिर है यदि निष्पक्षता से जांच आगे बढ़ी और सारे छुपे हुए दस्तावेज सामने आए तो डॉ.रमन सिंह और उनकी पत्नी को खासी परेशानी हो सकती है. बल्कि उन्हें इस मामले में जेल भी जाना पड़ सकता है. क्योंकि एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जब्त की गई डायरी में मेडम सीएम, सीएम मेडम जैसे नामों से करोड़ों रूपयों के भुगतान के बारे में लिखा गया था. गौरतलब है कि इस मैरून डायरी के कई पेज गायब हैं या पब्लिक के सामने नहीं लाए गए हैं.

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