यूपीए शासनकाल में की गई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर नज़र आ रही है. एक आरटीआई के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी होने से इनकार कर दिया है. रक्षा मंत्रालय के जवाब के बाद कांग्रेस के उन दावों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं जिसमें यूपीए सराकर के दौरान 6 सर्जिकल स्ट्राइक करने की बात कही गई थी.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरते हुए कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान 6 सर्जिकल स्ट्राइक की गई, लेकिन कभी भी वोट मांगने के लिए उनका इस्तेमाल नहीं किया. वहीं जब जम्मू के रोहित चौधरी ने यूपीए शासनकाल के दौरान हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में रक्षा मंत्रालय से आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी तो जवाब चौंकाने वाला रहा. रोहित चौधरी की आरटीआई के जवाब में डीजीएमओ के माध्यम से रखा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि उनके पास केवल 29 सितंबर, 2016 को नियंत्रण रेखा पर सेना द्वारा की गई एक सर्जिकल स्ट्राइक के ही आकड़ें हैं. जबकि रोहित चौधरी ने रक्षा मंत्रालय से अपनी आरटीआई में साल 2004 से 2014 के बीच हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी मांगी थी.

गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस ने के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने दावा करते हुए कहा था कि 30 अगस्त और एक सितंबर, 2011 के बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नीलम नदी घाटी में शारदा सेक्टर के पास सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी. राजीव शुक्ला का कहना था कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 6 बार तो वहीं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2 बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. लेकिन वर्त्तमान मोदी सरकार सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक पर अपनी पीठ थपथपा रही है.

आपको बता दें कि 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिए थे. सेना की यह कार्रवाही उत्तरी कश्मीर में हुए उरी आतंकी हमले के बाद की गई थी.

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