मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के आरोपी व बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मंगलवार को आत्मसमर्पण कर दिया. गौरतलब है कि बिहार पुलिस सहित सीबीआई के अधिकारी काफी लंबे समय से उनकी तलाश में जुटे हुए थें.

मालूम हो कि बीते दिनों कई बार सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा के न  मिलने पर बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. इतना ही नहीं कोर्ट ने तो बिहार के डीआईजी को भी तलब कर लिया था और कोर्ट के ये पूछे जाने पर की मंजू वर्मा की अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया है. डीआईजी का कहना था कि अभी उनकी तलाश जारी है.

हालांकि, मंजू वर्मा के न मिलने के बाद बिहार पुलिस ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया था. मौझले कोर्ट ने बिहार पुलिस को धारा 83 और धार 84 के तहत ये निर्देश दिया की वे मंजू वर्मा की संपत्ति जब्त करें. कोर्ट से आदेश मिलने के बाद बिहार पुलिसकर्मियों ने संपत्ति जब्ती की प्रकिया शुरु कर दी थी, जिसके एवज में बिहार पुलिस ने बीते दिनों मंजू वर्मा की बेगुसराय स्थित घर को जब्त कर लिया था.

बता दें कि ये वहीं मंजू वर्मा हो जो बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री भी रह चुकी है, लेकिन मजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जिसको लकेर जेडीयू के प्रदेशाध्यक्ष विशष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाती है.

गौरतलब है कि अगस्त के महीने में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में 34 बच्चियों के साथ योण उत्पीड़न की पुष्टि हई थी, जिसमें मंजू वर्मा सहित उनके पति का भी नाम सामने आया था. हालांकि, गत 10 अक्टूबर को उनके पति को इन आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ गया.

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