इटली के एक कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकानिका मामले में दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को बरी कर दिया है. सबूतों के अभाव के कारण ऐसा हुआ है. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की डील में संदिग्ध घूस का पैसा किन किन के पास गया. कहा जा रहा है कि यह भारतीय जांच एजेंसियों के लिए बड़ा झटका है.

गौरतलब है कि वीवीआईपी हेलीकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड की ये डील 3600 करोड़ रुपए की थी. इस मामले में दिल्ली कोर्ट में सीबीआई ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कहा गया है कि जब वीवीआईपी हेलीकॉप्टर्स की आपूर्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा था तब त्यागी भाइयों- संजीव त्यागी उर्फ़ जूली त्यागी, संदीप त्यागी और राजीव त्यागी ने ट्यूनिशिया की मैसर्ज गोर्डियन सर्विसेज और मैसर्ज सोसायटी टेक वेंचर्स कॉर्प से 4.05 लाख यूरो (2.28 करोड़ रुपए) कथित तौर पर हासिल किए थे.

जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि आरोपों को साबित करने के लिए उनके पास दस्तावेज मौजूद हैं. लेकिन सोमवार को इटली की कोर्ट में इससे जुड़ा जो फैसला सामने आया वह सीबीआई के लिए चिंता की बात है. इटली का अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि भारत के पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत अन्य संदिग्धों ने रकम हासिल की थी.

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