पद्मावती फिल्म को लेकर दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली का सिर काटने पर 10 करोड़ रुपए देने का एलान करने वाले हरियाणा भाजपा के चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर सूरजपाल अम्मू ने बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने वाट्सएप के जरिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को अपना इस्तीफा भेजा. गौरतलब है कि उनके विवादित बयान को लेकर पार्टी ने उनसे जवाब मांगा था.

यह भी गौर करने वाली बात है कि मंगलवार को दिल्ली में राजपूत करणी सेना और मनोहरलाल खट्टर के बीच मुलाकात होनी थी. करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष भवानी सिंह व संगठन के 22 अन्य प्रतिनिधि तय समय पर पहुंच गए, लेकिन खट्टर पिछले दरवाजे से निकल गए. अम्मू ने इसे राजपूत बिरादरी का अपमान बताया था और कहा था कि राजपूत बिरादरी इसको सहन नहीं करेगी. उन्होंने वॉर्निंग भी दी कि आने वाले दिनों में हरियाणा प्रदेश सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इस मामले में उन्होंने संघ से भी दखल देने को कहा था.

सूरजपाल अम्मू ने ममता बैनर्जी पर भी विवादित बयान दिया था. ममता बनर्जी ने जब कहा था कि पश्चिथम बंगाल पद्मावती और उसके कलाकारों का स्वागत करने के लिए तैयार है और हम इसके लिए खास इंतजाम करेंगे, बंगाल ऐसा करके बहुत खुश होगा, तो इस पर पलटवार करते हुए अम्मू ने कहा था, राक्षसी प्रवृत्ति की जो महिलाएं होती हैं, जैसे शूर्पणखा थी. उसका इलाज लक्ष्मण ने नाक काटकर किया था. ममता बनर्जी इस बात को न भूलें.
सिनेमाघरों में आग लगाने को लेकर भी सूरजपाल ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि क्षत्रिय समाज और देश का नौजवान एक-एक स्क्रीन को आग लगाने की ताकत रखता है. वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय राजपूत महासभा के सम्मेलन में सूरजपाल ने कहा था कि पद्मावती में राजपूत राजाओं और वीरांगनाओं की कुर्बानियों का अपमान हुआ है. यह फिल्म भारतीय संस्कृति और नारी शक्ति का अपमान है, इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री से भी इस मामले में दखल देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि पद्मावती पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए.

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