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ऑनलाइन पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार बहुत सारे ऑनलाइन सुविधा स्कीम निकालती रहती है. जिससे लोगो को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आसान और सुविधाजनक हो गया है. लेकिन अब कुछ ऐसा होने वाला है जिससे लोग ऑनलाइन पेमेंट ना करके कैश पेमेंट करना बेहतर समझेंगे.

दरअसल आ रही खबरों के मुताबिक सरकार ई-पेमेंट्स कंपनियों पर सेस लगाने की सोच रही है. अगर सरकार ये कदम उठती है तो हर ऑनलाइन पेमेंट पर ‘सिक्यॉरिटी फी’ देनी होगी जिससे डिजिटल पेमेंट्स महंगे पड़ेंगे। ऑनलाइन पेमेंट्स पर सिक्यॉरिटी फी या सेस स्वच्छ भारत सेस जैसा ही होगा जिसका उपयोग डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए होगा.

जानकारी के अनुसार, वित्तीय सेवा विभाग आईटी मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर ऐसे प्रपोजल को तैयार कर रहे हैं.

ऐनालिस्ट्स का मानना है कि देश डिजिटल पेमेंट्स सिक्यॉरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए डिजिटल सेस लगा फंड तैयार करना सही तरीका नहीं है. अभी भी यूजर्स डिजिटल ट्रांजैक्शंस पर कई तरह के चार्जेस देते हैं। कन्वीनियेंस फी, ट्रांजैक्शंस चार्जेस, प्लास्टिक कार्ड की कीमत, सालाना जॉइंनिंग फी और मर्चेंट फीस ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस पर लगाई जाती है.

ऐसे में सरकार का ये कदम लोगों के लिए महंगा पड़ेगा और लोग ऑनलाइन पेमेंट के वजाय कैश पेमेंट करना सही समझेंगे. जिससे सरकार की डिजिटल इंडिया का सपना भी गिरता नजर आएगा.

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