मुंबई। एक्शन अगेंस्ट हंगर एक भारतीय गैरलाभकारी संस्थान है और एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा है जिसने कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महाराष्ट्र प्रशासन को अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं नर्स), सामुदायिक कार्यकर्ता, आवश्यक सेवा प्रदाता और पुलिस प्रशासन को मदद प्रदान करना शामिल है।

राहत प्रयासों में अपना योगदान देते हुए एक्शन अगेंस्ट हंगर ने मुंबई पुलिस, एमसीजीएम, शताब्दी, कूपर अस्पताल और गोवंडी स्थित स्वास्थ्य पोस्ट को 1,04,000 से अधिक फेसमास्क,13,800 हैंड सैनिटाइज़र की बोतलें और 4,500 दस्ताने प्रदान किए हैं। उन्होंने महामारी से प्रभावित परिवारों तथा गोवंडी व अंधेरी के झुग्गी बस्तियों में रहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय को 15 टन से अधिक सूखा राशन भी वितरित किया है जिसमें गेहूँ, चावल, दालें, मूंगफली, नमक, चीनी, खाद्य तेल और मसाले शामिल हैं। आने वाले महीनों में 100 टन से अधिक का राशन और वितरित किया जाएगा।

एक्शन अगेंस्ट हंगर की कार्यकारी निदेशक सुश्री स्निग्धा सहल ने कहा, “हम प्रभावित क्षेत्रों में भोजन-सामग्री की पहुंच तथा उसकी कीमत से जुड़ी तात्कालिक समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बसे असुरक्षित व कमजोर परिवारों पर नज़र रख रहे हैं। हमने ऐसे परिवारों को 160 टन राशन प्रदान करने की योजना बनाई है और हमने अब तक महाराष्ट्र,, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 243000 से अधिक की संख्या में फेस मास्क, सैनिटाइजर और सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान कर स्थानीय सरकारों की सहायता की है। हम अपने आपको ज़मीनी सच्चाइयों (स्थानीय क्षेत्र की जानकारी) से जोड़ कर रखते हैं और परिस्थिति-के अनुरूप समाधान प्रदान करते हैं।

उदाहरण के लिए, मुंबई के गोवंडी में हमारे द्वारा किए गए एक हालिया आंतरिक सर्वेक्षण से पता चला है कि गोवंडी में सर्वेक्षण में शामिल 75% परिवारों की पिछले दो महीनों की आय शून्य रही है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर रूप से भोजन की कमी का संकट खड़ा हो गया है। हम इसे ठीक करने में मदद कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि सही पोषण एक अच्छी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बदने में सहायक हो सकती है जिसके जरिये हमारे समुदायों को इस महामारी से बचाया जा सकता है। ”

जगह की कमी तथा स्वच्छता, साफ़ सफाई, सुरक्षित पेयजल व बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने मुंबई की झुग्गी बस्तियों में कोविड -19 के फैलने के खतरे को और बढ़ा दिया है। इन समस्याओं के अलावा, पर्याप्त स्वास्थ्य व पोषण से जुड़ी सेवाओं तक पहुंच का अभाव, झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले उच्च जोखिम वाले समूह, जैसे कि गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों, को संक्रामक रोगों के प्रति और भी अधिक संवेदनशील बना देती है। चूंकि हमेशा से संक्रमण से बचाव के प्रमुख कारकों में अच्छा पोषण और स्वच्छता का होना जरुरी रहा है, इन चुनौतियों को दूर करके ही अप्रत्यक्ष रूप से इस महामारी से निजात पाया जा सकता है।

वर्ष 1979 में स्थापित होने के बाद से ही एक्शन अगेंस्ट हंगर कुपोषण के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करते आ रही है। इसके काम ने 50 देशों में फैले 7100 मानवतावादी पेशेवरों के नेटवर्क के माध्यम से 1.5 करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

भारत में इसका संचालन जनसाधारण से लेकर समाज के सभी वर्गों में फैले कुपोषण के कारणों तथा प्रभावों से जुड़ी निर्णायक कार्रवाई करने पर केंद्रित है। एक्शन अगेंस्ट हंगर वर्तमान में “जीवन के प्रथम 1000 दिन” दृष्टिकोण के साथ कुपोषण को रोकने और उसके इलाज के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में काम कर रही है। मुंबई में 3 झुग्गी-झोपड़ियों सहित 577 गांवों में किये जा रहे अपने संचालन के साथ, यह कमजोर समुदायों तथा स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कोविड-19 से जुड़ी मनोसामाजिक मदद, स्वच्छता किट, सूखा राशन

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