भोपाल। लॉक डॉउन की पाबन्दियों में कई महीनों से घिरे धार्मिक स्थलों को राहत मिलने के आसार बनने लगे हैं। महज पांच लोगों की मौजूदगी के साथ होने वाली पूजा और नमाज़ की बंदिश प्रशासन ने हटा ली है। बुधवार को जारी हुए इस आदेश के बाद शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने वीडियो संदेश जारी कर लोगों से मस्जिद जाते समय प्रशासन द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करने की अपील की है।

मार्च माह से जारी लॉक डॉउन के विभिन्न एपिसोड के दौरान धार्मिक स्थलों पर सामूहिक पूजा, नमाज़ और लोगों के जमा होने पर पाबंदियां लगती और हटती रहीं हैं। करीब छह माह के इस दौर में कई सामाजिक संगठन और सियासी पार्टियों ने धार्मिक स्थलों में लोगों को जाने देने की मांग सरकार के सामने रखी थी। लेकिन संक्रमण के हालात देखते हुए इस पर फैसला नहीं लिया जा रहा था। पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने नवदुर्गा के आयोजन को लेकर प्रतिमा के आकार, पंडाल के साइज, मौजूद रहने वालों की संख्या, विसर्जन जुलूस आदि को लेकर विस्तृत गाइड लाइन जारी की थी। इसके बाद बुधवार को प्रशासन की ओर से जारी आदेश में धार्मिक स्थलों पर सामूहिक रूप से जाने की पाबन्दी को शिथिल कर दिया है। जहां अब तक महज पांच लोगों की मौजूदगी के निर्देश लागू थे, वहीं अब इस पाबन्दी को हटा दिया गया है। इसके बाद अब मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर जाकर अपनी मजहबी आस्थाएं पूरी करने की आसानी होगी। इस मामले को लेकर पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुनव्वर कौसर ने गृह मंत्री से मिलकर मांग की थी।

शहर काजी की अपील
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने एक वीडियो संदेश के जरिए इस नए आदेश की सूचना दी है। उन्होंने कहा कि कई महीनों से लागू पांच लोगों की पाबंदी प्रशासन ने हटा दी है। लेकिन उसके बाद भी मस्जिद में नमाज़ के लिए आने वाले लोगों को सरकारी नियमों का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग नमाजों में अल्लाह से खूब दुआएं करें कि हमारे शहर, सूबे, मुल्क और सारी दुनिया से इस महामारी के हालात मिट जाएं।

कौसर ने उठाई थी मांग
मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुनव्वर कौसर ने इस मामले में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने मांग की थी कि धार्मिक स्थलों को खोला जाना चाहिए। ताकि लोगों की अकीदत और आस्थाओं को सही ठिकाना मिल सके। गृह मंत्री ने कौसर को आश्वस्त किया था कि इस मामले में जल्दी ही निर्णय लिया जाएगा।

 

ख़ान आशू, भोपाल ब्यूरो

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