धर्म का दुरुपयोग जब राजनीति में होता है तो लोकतंत्र के लिए घातक होता है ।लेकिन जब धर्म के नाम पर धंधा करने वाले और सरकार जनता के जीवन से खिलवाड़ करती हैं तो यह असहनीय होता है ।इसका दृढ़ता से प्रतिरोध करना चाहिए ।

कोरोना संक्रमण के गहराते संकट के समय में अब त्यौहारों के मौसम में सरकार द्वारा धार्मिक आयोजन के लिए नित नई रियायत देकर जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

जनता के जीवन की रक्षा सर्वाधिक जरूरी है ।ले किन धर्म के नाम पर धंधा करने वाले और धर्म की राजनीति करने वाली सरकार की मिलीभगत से जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। सुरक्षा के दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं । सुरक्षा की दृष्टि से अभी सभी त्यौहार घर पर ही मानना चाहिए । इस वर्ष जनता ने रमजान और ईद घर पर ही मनाई है । इस स्वस्थ परंपरा को विकसित करना चाहिए। किसी एक धर्म के आयोजन से सारी जनता के जीवन से खिलवाड़ करना अनुचित है ।

सरकार को दृढ़ता से जनता के जीवन की रक्षा करने के अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए ।समझदार जनता को भी इस हेतु पहल करना चाहिए ।

शैलेन्द्र शैली ।

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