कई महीनों से रांची के जेल में सज़ा काट रहे चारा घोटाले के आरोपी राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। अपनी ख़राब सेहत का हवाला देते हुए लालू यादव ने अदालत में ज़मानत अर्ज़ी लगाईं है। पिछली सुनवाई में सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद को जमानत नहीं देने को लेकर पुरजोर विरोध किया गया था।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि लालू प्रसाद यादव अस्पताल से राजनीतिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत मांग रहे हैं। वह अब मेडिकल आधार पर जमानत मांगकर कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं।

सीबीआई ने कहा कि लालू यादव को अपनी राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए। अगर सभी सजाओं को एक साथ जोड़कर देखा जाए तो लालू को साढ़े तीन साल नहीं, बल्कि 27।5 साल की जेल हुई है। वह जेल में न रहकर अस्पताल के विशेष वार्ड में रह रहे हैं।

लालू यादव ने सर्वोच्च न्यालय में एसएलपी दायर कर कहा कि वह 71 साल के बुजुर्ग हैं और लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। बिहार की सियासत में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में लालू के समर्थकों को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले वे जमानत पर छूट जाएंगे।

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