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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार शराबबंदी कानून में संशोधन होगा। विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी काम कर रही है। लेकिन, शराबबंदी के निर्णय पर किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की गलत मानसिकता के कारण अच्छे काम को असफल घोषित नहीं किया जा सकता है।

कुछ लोग दूसरों के जीवन में सुधार होने देना नहीं चाहते हैं इसलिए वह लोग गलत व्याख्या करेंगे कि शराबबंदी फेल है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के गठन को भी सहमति प्रदान की। इस टास्क फोर्स में 12 पुलिस अधिकारी और 24 सशस्त्र सिपाही रहेंगे। शराब और नशीले पदार्थ आदि जब्त कराने वाले अधिकारियों और लोगों को सरकार पुरस्कृत करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उन लोगों के लिए योजना शुरू की है जिनकी जिविका शराब के धंधे पर आधारित थी।

ऐसे लोगों को जिन्हें अब तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है, उनका सर्वे कराकर उन्हें भी लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलना चाहिए। लोगों को बताना चाहिए कि किस चक्कर में पड़े हो। यह पुलिस का दायित्व है कि पूरी मजबूती के साथ कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शराबबंदी के साथ-साथ बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर भी अभियान चलना चाहिए।

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