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देश के सबसे बड़े हॉस्पिटल एम्स (AIIMS) से इलाज करा रहे मरीजों को इस समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि एम्स के दो से ढाई हजार रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्ट्राइक कर दी है. बता दें कि इस बार भी मामला डॉक्टर के साथ मारपीट का ही है, लेकिन इस बार एम्स के ही सीनियर प्रोफेसर ने डॉक्टर को थप्पड़ मारा है.

आरोप है कि एम्स के आरपी सेंटर के चीफ ने अपने एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को थप्पड़ मारा है. रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन आरोपी प्रोफेसर को सस्पेंड करने की मांग पर अड़ी हुई है, जबकि प्रशासन का कहना है कि बिना जांच के कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता। प्रशासन की चुप्पी के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्ट्राइक पर जाने का ऐलान कर दिया.

अब एम्स में केवल इमरजेंसी के मरीजों का ही इलाज हो रहा है. एम्स की ओपीडी व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गई है. लेकिन यह मामला बुधवार की सुबह का है.

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बता दें कि पीड़ित डॉक्टर सदमे में है और उनका कहना था कि अभी किसी को हटा नहीं सकते, लेकिन जांच की बात कही है. डॉक्टर भट्टी ने कहा कि जब तक वो पद से हटेंगे नहीं जांच कैसे हो पाएगी, प्रशासन लाचार दिख रही है. इसलिए हमने स्ट्राइक की घोषणा कर दी है और अब केवल इमरजेंसी सेवा ही चलेगी, बाकी इलाज की सारी सुविधा ठप कर दी गई है.

डॉक्टरों की पहली मांग है कि डॉक्टर अतुल को सस्पेंड किया जाए, आरोपी प्रोफेसर को कोई भी एग्जामिनिशन लेने से रोका जाए, क्योंकि कुछ ही दिनों में एमडी एग्जाम होना है, आरोपी प्रोफेसर लिखित में माफी मांगे. आरोपी डॉक्टर न केवल सेंटर का चीफ है बल्कि वो पद्मश्री से सम्मानित है. ऐसे में एम्स प्रशासन के भी हाथ बंधे हुए हैं.

पिछले साल यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने भी एम्स के आरपी सेंटर के प्रोफेसर जे एस टिटियाल पर मिसबिहेव का आरोप लगाया था. आरोप लगाने वाले पूर्व डीजीपी भी पद्मश्री से सम्मानित हैं और डॉक्टर टिटियाल को भी यह सम्मान मिल चुका है.

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