पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले ने पूरे देश को दहला दिया है। हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली है। बार बार कहा जा रहा है कि पकिस्तान अपनी हरकरतों से बाज़ नहीं आ रहा है। उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। अब एक बार फिर सीमा पार बैठे दुश्मनों ने इस हमले को अंजाम देकर एक बार फिर खुली चुनौती दी है। ऐसे में सवाल ये पुछा जा रहा है की क्या एक बार फिर सेना पुरानी स्टाइल में दुश्मनों को जवाब देगी।

गौरतलब है कि 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक अजीत डोवाल की निगरानी में ही की गई थी. उन्होंने इस पूरे ऑपरेशन की रूपरेखा तय की थी. इस ऑपरेशन को इतना खुफिया रखा गया था कि किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी थी.

पुलावामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले के फौरन बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से दिल्ली पहुंच गए हैं. उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरी जानकारी ली. उन्होंने सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर से पूरे हालात की रिपोर्ट ली है.

टीम ने बनाया पहले नक्शा

नए लॉन्चपैड्स को पर नजर रखने के लिए एक अन्य मेजर को जिम्मेदारी दी। यह अपनी टीम के साथ हमले के 48 घंटे पहले ही एलओसी पार कर लिया और दुश्मनों के ऑटोमैटिक हथियारों की तैनाती की जगह का पता लगाया। उन जगहों की भी जानकारी जुटाई, जहां से हमारे जवान मिशन के दौरान सुरक्षित रहकर दुश्मन पर फायरिंग कर सकें। उनकी टीम नजदीक स्थित एक अन्य हथियार घर से हो रही फायरिंग की जद में आ गए।

अपनी टीम पर मंडरा रहे खतरे को भांपते हुए इस मेजर ने बड़ा साहसिक कदम उठाते अकेले ही रेंगते हुए इस हथियार घर तक पहुंचे और फायरिंग कर रहे उस आतंकी को भी खत्म कर दिया। इस अफसर को शौर्य चक्र से नवाजा गया है। तीसरा मेजर अपने साथी के साथ एक आतंकी शेल्टर के नजदीक पहुंचा और उसे तबाह कर दिया। इस वजह से वहां सो रहे सभी जिहादियों की मौत हो गई। यह अफसर ऑपरेशन के दौरान आला अधिकारियों को ताजा घटनाक्रम के संबंध में लगातार जानकारी दे रहा था।

सर्जिकल स्ट्राइक नहीं था आसान काम

यह सर्जिकल स्ट्राइक जितना आसान दिख रहा है उतना आसान भी नहीं था। हमला करने वाली एक टीम आतंकियों की जोरदार गोलाबारी के बीच घिर गई। हालांकि, इससे पहले कि ये आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब होते, पांचवें मेजर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए इन आतंकियों पर हमला बोल दिया और दो को ढेर कर दिया, जबकि तीसरे आतंकी को उनके साथी ने मार गिराया।

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