भोपाल।मध्यप्रदेश की पुलिस सोश्यल पुलिसिंग के नाम पर खूब गाल बजाती है, किंतु वास्तविकता में हो इसके उलट रहा है…. प्रदेश पुलिस के सुप्रिमो के नाम पर जन सामान्य को तंग किये जाने की जानकारी प्रकाश में आई है।

मध्य प्रदेश की राजधानी का व्यस्ततम इलाका है न्यू मार्केट जहां से रोशनपुरा और मध्यप्रदेश विधानसभा- वल्लभ भवन मंत्रालय के लिए रास्ता जाता है ….इसी रास्ते पर है मध्य प्रदेश के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) विवेक जौहरी का पुश्तैनी घर ।जब से जौहरी डीजीपी बने हैं तब से इस घर के आस-पास पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है और यातायात पुलिस का बड़ा भाग उनका डर दिखाकर किसी भी घर के सामने या दुकान के सामने

दोपहिया और चार पहिया वाहन खड़ा नहीं होने देती है….(चित्र हक़ीक़त बयां कर रहा है…) दुकानदारों की मुसीबत यह है कि वे पुलिस प्रमुख के नाम से रोज धमकाए जाते हैं…. दुकानदारों के पास जो ग्राहक आते हैं( ज्यादातर फोटोकॉपी की दुकानों या टाइपिंग ,मेडिकल शॉप, स्टेशनरी या बागवानी का सामान लेने वाले होते हैं)यदि वे एक मिनिट भी दूकानों के सामने खड़े हो गये तो उनके विरुद्ध चालानी कार्यवाही कर दी जाती हैं…. पूरे शहर की चिंता छोड़ फ़ोर्स यहीं पर जमा रहता है… किसी से सौ तो किसी से ₹500 तक की उगाही कर ली जाती है…. जिससे ग्राहकों में डर बैठ गया है और व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है। लॉकडाउन जैसे हालात में पहले ही व्यापार की कमर टूट चुकी है और छोटे दुकानदार अब डीजीपी साहब के खौफ से परेशान हैं ।हालांकि विवेक जौहरी ने स्वयं किसी को निर्देश दिए हैं यह जानकारी यातायात पुलिस नहीं दे रही है, लेकिन यातायात पुलिसकर्मी डीजीपी साहब के नाम से वसूली भी कर रहे हैं और सामान्य जनता को परेशान भी कर रहे हैं ।जब राजधानी भोपाल में डीजीपी के लिए  प्रथक से शासकीय आवास (वीआईपी क्षेत्र में )देने का प्रावधान है तो वे इस व्यस्ततम इलाके में अपने निजी आवास में रहकर इस आमजन की समस्या को क्यों बढ़ाना चाहते हैं यह समझ से परे हैं।

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