लगता है कि इमरान खान क्रिकेट की कप्तानी और पकिस्तान की सत्ता चलाना एक जैसा ही समझते हैं !कल की कराची के विरोधी दलों के जनसभा को लेकर इतनी भयंकर प्रतिक्रिया !
पकिस्तान की सत्ता में आने के पहले क्या क्या करतूतों से हंगामा खड़ा करने के कारनामे जिसमे जब नवाज शरीफ प्रधान-मंत्री पद पर बैठे थे उस समय कनाड़ा में रहनेवाले मौलाना कादरी की मदद से इस्लामाबाद के वी आय पी एरिया में आर्मि के मदद से! जहा पर प्रधान-मंत्री आवास को घेरने का कार्यक्रम कर चुके हो ! तो अब अगर आप उस पदपर पहुच गए हैं और आपके खिलाफ चल रहे विरोधी दलो की सभा के बाद वह भी कराची में ! कायदे अजम मौहम्मद अली जिन्ना की मजार के मैदान के कार्यक्रम से इतने घबरा गए कि मरियम शरीफ के शौअर को हिरासत में लेने के लिए कराची पुलिस के बजाय सेना की मदद ली गई !

वैसे भी इमरान पकिस्तान के आतंकवादीतत्व ,धार्मिक कट्टर पंथियो,आई एस आई और सेना की मदद से ही इस मुकाम तक पहुंचे है!अब शायद आपके दिन पूरे हो रहे हैं ! क्योकिं वैसे भी पकिस्तान में 1947 से सिविलियन और आर्मिका लुका-छिपी का खेल लगातार जारी है वह तो जिन्ना साहब बहुत जल्द तपेदिक से मर गए वरना आर्मी या उनके अपने ही लोगो ने मार डाला होता ! उनके बाद आये लियाकत अलि खान साहब की भी हत्या कर दी गई थी ? वैसे भी पकिस्तान की आर्मी ने 1951 से कोशिशें जारी कर दी थी और अखिर में 1958 मे याने पकिस्तान के बनने के 11 साल की यात्रा में जनरल आयुब खान साहब ने पारि की सुरुआत की है!फिर 1971,77,88,99,और अबतक की आखरी बार 2008 तक आर्मि सिविलियन सरकार के खिलाफ अलग-अलग कारण बताकर अपना वर्चस्व स्थापित करते रहे हैं और पाकिस्तान बनने के कुल 73 साल की यात्रा में जह्मुरियत कम और सेना की तानाशाही का दौर ज्यादा है !
और उसके बावजूद आभिजात्य वर्ग की शह से पूरी पकिस्तान की आर्मी पंजाबी सामंतवादी परिवार के लोगों ने अपने कब्जे में ले कर रखी हुई है और आई एस आई से लेकर पकिस्तान के पुलिस प्रशासन और न्यायपालिका में भी पंजाबी दबदबा कायम है! और इसीलिये नाही जमिनदारो के कब्जे में सौ-दो सौ किलोमीटर के हिसाब से एक-एक जमींदार जमिनो के मालिक है और यही वजह है कि पाकिस्तान में सिर्फ दो ही वर्गो के लोग हैं एक अमिर और दुसरा गरीब ! तीसरा वर्ग इतने वर्षों बाद भी बन नही सका ! और यह भी एक वजह है कि पाकिस्तान सेमी फ्युडल सोसाइटी बना हुआ है और उनको जनतंत्र के तुलना मे सेनाकी हुकूमत ज्यादा पसंद है !

सेना में भी जमिनदारो की संतानो की भरमार है और वह भी कमिशन ऑफीसर! इस वर्ग के हितो की रक्षा करने वाले लोगों में आर्मि आई एस आई पूरी तरह से शामिल हैं और इसी कारण आम पाकिस्तानी लोगों के लिए स्कूल,अस्पताल और नौकरीयो की उप्लब्धता नही के बराबर है ! भयंकर रूप से विषमता कायम है ! सचमुच जिन्ना साहब ने पाकिस्तान क्या इसिलिए बनाने की जद्दो-जहद की थी ? हालाकि जिन्ना साहब को पाकिस्तान की रचना करने के लिए समय भी नहीं मिला सालभर के भीतर ही वह अल्ला ताला को प्यारे हो गए थे तो उनके बाद आये हुए किसी भी राजनेता को नाही यह दृष्टी थी और ना है !

 

हालाकि झुल्फिकार अलि भुट्टो को पाकिस्तान के सोशलिस्ट कहा जाता है लेकिन वह खुद सिंध प्रांत के लर्कनवला में लाखो हेक्टेयर जमीन के मालिक थे इसी तरह नवाज शरीफ तो पाकिस्तान के बडे उद्योगपतियो मे गिने जाते हैं ! और आर्मी के जो भी जनरल आये वो भी आकुत धन कमाए हुये हैं ! मुझे लाहौर में प्रथम बार प्रवेश कर ने के बाद कम्यूनिस्ट पार्टी के दफ्तर में जानेका मौका मिला है और मेरी आदत के अनुसार मैने अगल बगल के लोगों से बात करने की कोशिश की है और उनमेसे काफी लोग ईस पार्टी के बारे में अनजान लगे! मुझे नहीं लगता है कि पाकिस्तान बननेके बाद कम्युनिस्ट पार्टी के लोग विधान सभा और पाकिस्तान की संसद में खाता खोलने मे कामयाब हुए हो ? हालांकि 1940 के लाहौर के मुस्लीम लीग के पाकिस्तान प्रस्ताव का समर्थन भारत में सबसे पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने किया था ! क्योकी भारत की तुलना मे पाकिस्तान कम्युनिझम के लिए सबसे माकुल जगह है !
और सबसे अहम बात 73 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन पाकिस्तान का युनिफीकेशन अभिभि नहीं हुआ है ! सतत पंजाबि डोमिनेशन के कारण पडोसी सिंध उसके आगे का बलूचिस्तान और जिसे आजकल फटा बोला जाता है वह पूरे नोर्थ फ्रंट के अफ्गनिस्थान से लगे हुए प्रदेशोमे मुशर्रफ खुद अपनी आत्म कथा में लिखें है कि इन प्रदेशोमे इस्लामाबाद की सत्ता नहीं चल रही आज भी उनके अपने जिरगे के अपने नियम कानून की बात चलती है !
और सबसे चौकानी वाली बात इस फटा के क्षेत्र में दुनियाँ का 75% ड्रग की खेती से लेकर उसके प्रोसेसिंग के प्लांट बदस्तूर जारी है और उसमे आई एस आई और आर्मी भी शामिल हैं और बाकायदा आर्मी के वाहनो में लोड होकर पाकिस्तान के विभिन्न एयरपोर्ट पर पहुचाई जाती है और वहिसे दुनियाँ भर में ! और आतंकी संगठनों को यही पैसा पालता है ! इसिके कारण विश्व का आतंकवाद कभी थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसमे अमेरिकन एजेंसियों की मिलीभगत है !


उसके बाद जब जब सिविलियन सरकारे आती थी चंद दिनों के भीतर आर्मी कू करके अपने आप को मार्शल लॉ लगाकर सत्ता को कब्जेमे करने का रेकोर्ड सिविल सरकार के कम और आर्मिके ज्यादा है ! अयूब खान,याहया खान,जियासाहब ने अफ्गनिस्थान मे 1979 मे सोवियत रूस की सेना आने के बाद तो खुद अमेरिकन मदद से और मुख्यतः अमेरिकन खुफिया एजेंसियों की शहपर अपने कार्यकाल के दौरान पूरे पकिस्तान को कट्टर इस्लामिक देश में कनवर्ट करने का काम करने के कारण पकिस्तान के मदरसो मे पूरी दुनियाँ भरके इस्लामिक आतंकवादीयो को पनाह देने की पहल की और पकिस्तान की रही सही परमतसहिष्णुता खत्म करने के पाप के भागीदार जनरल जिया है यह जनरल मुशर्रफ अपनी आत्म कथा में लिखे हैं !

और यही कारण है कि उनकी तथाकथित प्लेन क्रेश में मृत्यू हो गई है ! और यह शतप्रतीशत एक्सीडेंट नहीं उनकी जानबूझ कर हत्या कर दी गई है ! लेकिन उसके पहले वह पकिस्तान को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी और इस्लामिक फंडामेंटलिज्म के हवाले कर गये हैं और उनके रहते हुए जुल्फिकार अलि भुट्टों को मौत के घाट उतार कर गये !
पकिस्तान की स्थापना के बहुत जल्द आर्मिका मनोबल इतना बढते गया है कि कोई भी सरकार जो चुनाव द्वारा कभि भी अपनी टर्म खत्म होने के पहले आर्मिका हस्तक्षेप से उसको हटाया जाता है ! और सबसे पीडा की बात पकिस्तान में सिविल सोसाइटी नाम की प्रक्रिया बन ही नहीं पाई और जिया ने इस्लमिकरण जिसमे आर्मिका भी करने के कारण और मुश्कील हो गया है !


भुट्टों को जेल में फासी देकर मारा तो उनकी सुपुत्री बेन्झीर को भरी सभा में बम विस्फोट में मार डाला और अभितक उसके हत्यारे कौन है पता नहीं चला है !
उनके बाद आये नवाज शरीफ तो उन्हे भी कोलम्बो इस्लामाबाद फ्लाईट पर से ही मुशर्रफ ने आर्मी उनके घर पर भेज कर उन्हे प्रधान-मंत्री रहते हुए अरेस्ट कर के अपने आप को मार्शल लॉ प्रमुख घोषित कर दिया !

और इन्हे विदेश भागो नहीं तो फासि के लिये तैयार रहो की चॉइस छोडी थी ! उनके बाद भले कोई आर्मिका डायरेक रूल नहीं है ! लेकिन किसि भी सिविलियन सरकार की हिम्मत नहीं है कि वह स्वतन्त्र रूप से काम कर सके आई एस आई और आर्मिका इतना प्रभुत्व स्थापित हैं कि पकिस्तान का ट्रांसपोर्ट,इरिगेशन,शैक्षणिक संस्थानों,मेडिकल,और जीवन के हर क्षेत्र में पकिस्तान की आर्मिके लोग प्रमुख पदोपर बैठे हुए हैं और उनके मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं चलता है !

इमरान की ताजपोशी टोटल आर्मि के और पकिस्तान के आतंकि और कट्टर पन्थी योने मिलकर की है ! उनका चुनाव प्रक्रिया एक नाटक था आर्मीको खुद डायरेक्ट सत्ता में आने का संकोच हो रहा था तो इस क्रिकेटर को स्पेशल तैयार कर के ही लाया गया है !

खुद भी तो नवाज शरीफ के इस्लामाबाद के प्रधान-मंत्री आवासको मौलाना कादरी की मददसे घेरने का काम कर चुके है और अब उनके खिलाफ चल रहे विरोधियों के अभियान को रोकने के लिए मरियम शरीफ नवाज शरीफ की बेटी हैं उसके पति को कल रात अचानक इस तरह से वह भी आर्मिके द्वारा गिरफ्तार करना सर्वस्वी गलत है !

यह इमरान खान की घबराहट का लक्षण दिखाई दे रहा है ! और पाकिस्तान की इसी हालात को देखते हुए तिन साल पहले हैदराबाद (भारत) की आखिरी मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील आस्माँ जहाँगिर ने कहा कि सुरेश भाई मेहरबानी करके भारत का पाकिस्तान मत होने दिजीये ! और मैने अपनी डबडबाई आँखों से कहा कि भारत का पाकिस्तान करने के लिए विशेष रूप से संघ परिवार पूरी शिद्दत के साथ लगा हुआ है !
आस्माँ जहाँगिर अब हमारे बीच नहीं रही लेकिन उनका आखिरी मुलाकात मे उन्हो ने जो कहा है वह आज भारत में बदस्तूर जारी है और संघ परिवार कितना भी पाकिस्तान की आलोचना करे लेकिन उसका रोल मॉडल शत प्रतिशत पाकिस्तान के जैसा भारत को हिंदू तालिबानी बनाना चाहते हैं और यही कारण है कि नरेंद्र मोदी के द्वारा एन आर सी जैसे देश के बटवारे की निव डालने वाले कानून लादने की कोशिश जारी है और 30 से 35 करोड की आबादी को असुरक्षा की भावना से ग्रसित करने का नतिजा क्या होगा ?


उसी तरह सभी सरकारी उद्योग और उनकी जमिन बेचना जारी है और उसके लिये मजदूरों के कानून,किसानो की जमिन पाकिस्तान की तर्जपर बडे बडे उद्योगपति योंकि मिलकियत के रूप में करने वाले कानून बनाना याने टोटल पाकिस्तान की राहपर चल रहे हैं !

पाकिस्तान को कोसते कोसते खुद धार्मिक असहिष्णुता से लेकर आर्थिक बदल कर रहे हैं और आर्मी को भी बीच बीच में घसीटकर राजनैतिके हथकण्डे के रूप में मुख्य रूप से चुनाव प्रचार के समय इस्तमाल करने वाले कौन हैं ?

और आतंकी कारवाई करने वाले लोगों को रजनितिक संरक्षण कौन दे रहे हैं ? तो हापिज सईद और दाऊद इब्राहीम की हिंदू एडिशन को शह देने की बात पाकिस्तान को देखकर ही कर रहे हैं और उदहारण भी वही देते हैं कि हम पाकिस्तानी आतंकवादी का जवाब दे रहे हैं ! भारत माता इन जाहिलों को कुछ अकल देना इसी प्रार्थना के साथ !

डॉ सुरेश खैरनार 22अक्तूबर 2020,नागपुर

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