हो सकता है आने वाले दिनों में प्राइवेट कंपनियों में एमबीए होल्डर कुत्तों की मांग आने लगे.dog कुत्ते की जितनी बड़ी डिग्री, उतनी ज्यादा कुत्ते की कीमत, पर कुत्ता एमबीए कैसे कर सकता है? क्या ऐसा संभव है? प्रतियोगिता का जमाना है. कुछ भी हो सकता है. बड़े-बड़े आईएएस ऑफिसर देखे होंगे, डॉक्टर-इंजीनियर देखे होंगे, एमबीए होल्डर देखे होंगे, लेकिन किसी जानवर को एमबीए की क्लास में बैठा नहीं देखा होगा. एमबीए की क्लास छोड़िए, किसी भी क्लास में कोई जानवर आकर बैठ जाए तो शायद आप डरकर भाग ही जाएं. अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने आश्‍चर्यजनक रूप से एक कुत्ते को एमबीए की डिग्री दी है. डिग्री का आधार कुत्ते का 15 साल का कार्य का अनुभव है. दरअसल, अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन द्वारा बहुत दिनों से दूरस्थ शिक्षा में फर्जी डिग्री दिए जाने की बात हो रही थी. इसी को साबित करने के लिए एक न्यूज हाउस ने एक कुत्ते की डिग्री के लिए आवेदन कर दिया. आवेदन में ऐसी कोई जानकारी मांगी नहीं गई थी, जिससे कुत्ते की पहचान उजागर होती. काम करने का अनुभव और नाम की जगह कुत्ते का नाम पेटे बताया गया और कार्य का अनुभव 15 साल. इसके साथ 7 हजार 278 डॉलर की बड़ी रकम फीस के रूप में जमा कराई गई. बस विश्वविद्यालय ने बिना सत्यापन या किसी और जानकारी के डिग्री उपलब्ध करा दी. आज यह खबर सुर्खियों में है. कुछ भी हो, यह भाग्यशाली कुत्ता दुनिया का पहला कुत्ता होगा, जिसे एमबीए होने का गौरव मिला है.
 
दबे सोने का राज बताती पत्तियां
 
pattiभारत में एक संत के कहने पर कि उसने सपने में जमीन में दबा सोना देखा है. संत के सपने के आधार पर जमीन में दबे सोने की खोज होने लगती है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया में कुछ पेड़ों की पत्तियां जमीन में दबे खजाने के बारे में बता रही हैं. ऑस्ट्रेलिया के पश्‍चिमी हिस्से में कालगूर्ली क्षेत्र में युकेलिप्टस के कुछ ऐसे पेड़ हैं, जिनकी पत्तियों में अत्यंत बारीक सोने के कण पाए गए हैं. ऑस्ट्रेलिया के एक समाचार पत्र द वेस्ट ऑस्ट्रेलियन के खबर अनुसार, पश्‍चिमी ऑस्ट्रेलिया के कालगूर्ली क्षेत्र में यूकेलिप्टस की पत्तियां जमीन के भीतर दबे सोने का पता बताती हैं. समाचार पत्र के अनुसार, इस क्षेत्र में जमीन के नीचे दबे सोने के कण पेड़ों के जड़ों के जरिये पत्तियों और अन्य हिस्सों तक पहुंचता है. सीएसआईआरओ के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया और इससे संबंधित शोध पत्र विज्ञान शोध पत्रिका नेचर कम्यूनिकेशंस के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है. शोध पत्र में मुख्य शोधकर्ता और रसायनविद मेल लिंटर ने कहा है कि सुनहरी पत्तियों से जमीन के नीचे सोने के अमूल्य खजाने का पता लग सकता है. लिंटन ने आगे कहा है कि इनमें से कुछ वृक्षों की जड़ें जमीन में बहुत गहराई तक गई हुई हैं और हमारे लिए जमीन के भीतर दबे खजाने के लिए खिड़की की तरह काम करती हैं. समाचार पत्र के अनुसार, इस शोध के बाद पारंपरिक तरीके से ड्रीलिंग द्वारा जमीन के अंदर सोने का पता लगाने की बजाय पत्तियों के परीक्षण द्वारा यह कार्य काफी किफायती हो जाएगा. इस तकनीक से सोने के अलावा जमीन में दबे अन्य धातुओं का भी पता लगाया जा सकता है.
 
फेंक दिए तीन करोड़
rupeesएक आदमी ने तीन करोड़ से ज्यादा कीमत के गोल्ड इन्वेस्टमेंट कागजात को इसलिए कूड़े में फेंक दिया कि उसको अपनी पत्नी को तलाक के बाद उसमें हिस्सा न देना पड़े. कोलोराडो का रहने वाला 50 साल का अर्ल रे जोन्स ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि वह इन दस्तावेजों को कोलोराडो स्प्रिंग्स मोटल के पीछे कूड़े में फेंक आया है. जोन्स ने कहा कि वह नहीं चाहता था कि तलाक के बाद उसकी 25 साल की पत्नी को संपत्ति में हिस्सा मिले. हालांकि उसके गोल्ड इन्वेस्टमेंट दस्तावेज फेंकने के कोई पक्के सबूत नहीं मिले. जोन्स पूर्व डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम करता था. वह इस समय टेलर कोर्ट जेल में है. उसे अपनी पत्नी से मारपीट करने और उसके सामान पर कब्जा करने के लिए सजा हुई थी. इसके बाद पत्नी ने अदालत में तलाक की अर्जी दी थी. दोषी ठहराए जाने के बाद जोन्स को नौकरी भी छोड़नी पड़ी थी. कूड़े को निपटाने का प्रबंधन करने वाली कंपनी का कहना है कि तीस हजार टन कूड़ा हर महीने फेंका जाता है. अगर जोन्स की पत्नी के गोल्ड के शेयर इस कचरे में मिलते हैं तो वो उन्हीं के होंगे.

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